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नैनीताल अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट की कमी, गर्भवती महिलाओं के लिए बना रेफर सेंटर

नैनीताल जिला अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक की कमी से महिला मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी रही है. आलम ये है कि प्रसव के लिए आईं गर्भवती महिलाओं के लिए अब अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बन गया है.

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Published : Dec 9, 2021, 7:43 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 8:03 PM IST

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नैनीताल

नैनीतालः जिला अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर करना पड़ रहा है. नैनीताल जिला अस्पताल में प्रतिमाह 15 से 20 महिलाओं का ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव कराया जाता था. लेकिन अब गायनोकोलॉजिस्ट की कमी के चलते अस्पताल में आने वाली गर्भवतियों को दूसरी जगह भेजना पड़ा रहा है.

अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन सिंह धामी का कहना है कि गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक की कमी के चलते गर्भवती महिलाओं समेत उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नैनीताल में प्रतिमाह 15 से 20 महिलाओं का ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव कराया जाता था. लेकिन गायनोकोलॉजिस्ट की कमी के चलते अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को अन्य अस्पताल भेजना पड़ रहा है. हालांकि, महिला अस्पताल में दो गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक थीं. इसमें डॉ. मंजू रावत का नवंबर महीने में ट्रांसफर हो गया जबकि, डॉ. द्रौपदी गर्ब्याल लंबी छुट्टी पर हैं. इस वजह से अस्पताल में सृजित दोनों पद इन दिनों रिक्त चल रहे हैं.

नैनीताल अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट की कमी

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा में घर बैठे वोट देंगे बुजुर्ग-दिव्यांग, मिलेगी पोस्टल बैलेट की सुविधा

बता दें कि महिला अस्पताल में सितंबर महीने में 75, अक्टूबर में 65, नवंबर में 31 जबकि दिसंबर माह में चार महिलाएं अस्पताल में भर्ती हुई. वहीं, मामले में सीएमओ भागीरथी जोशी ने बताया कि बीते दिनों शासन के निर्देश पर एक डॉक्टर का ट्रांसफर किया गया है. जबकि एक महिला डॉक्टर अवकाश पर हैं, इसके स्थान पर हल्द्वानी से डॉक्टर निशा रानी को नैनीताल आना था. लेकिन अब तक उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है.

नैनीतालः जिला अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर करना पड़ रहा है. नैनीताल जिला अस्पताल में प्रतिमाह 15 से 20 महिलाओं का ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव कराया जाता था. लेकिन अब गायनोकोलॉजिस्ट की कमी के चलते अस्पताल में आने वाली गर्भवतियों को दूसरी जगह भेजना पड़ा रहा है.

अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन सिंह धामी का कहना है कि गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक की कमी के चलते गर्भवती महिलाओं समेत उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नैनीताल में प्रतिमाह 15 से 20 महिलाओं का ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव कराया जाता था. लेकिन गायनोकोलॉजिस्ट की कमी के चलते अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को अन्य अस्पताल भेजना पड़ रहा है. हालांकि, महिला अस्पताल में दो गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक थीं. इसमें डॉ. मंजू रावत का नवंबर महीने में ट्रांसफर हो गया जबकि, डॉ. द्रौपदी गर्ब्याल लंबी छुट्टी पर हैं. इस वजह से अस्पताल में सृजित दोनों पद इन दिनों रिक्त चल रहे हैं.

नैनीताल अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट की कमी

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बता दें कि महिला अस्पताल में सितंबर महीने में 75, अक्टूबर में 65, नवंबर में 31 जबकि दिसंबर माह में चार महिलाएं अस्पताल में भर्ती हुई. वहीं, मामले में सीएमओ भागीरथी जोशी ने बताया कि बीते दिनों शासन के निर्देश पर एक डॉक्टर का ट्रांसफर किया गया है. जबकि एक महिला डॉक्टर अवकाश पर हैं, इसके स्थान पर हल्द्वानी से डॉक्टर निशा रानी को नैनीताल आना था. लेकिन अब तक उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है.

Last Updated : Dec 9, 2021, 8:03 PM IST
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