हल्द्वानीः कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों में आलू की फसल में रोग लगने की वजह से किसान काफी परेशान हैं. समय पर बारिश न होने की वजह से आलू की फसल में बीमारी लग गई. पहले महंगे दाम पर आलू का बीज मिला. मेहनत कर उसे उगाया, लेकिन अब अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से आलू के पौधे मुरझा रहे हैं. जिससे फसल बुरी तरह से प्रभावित हो गई है. अब हालात ये हो गए हैं कि फसल तो दूर, लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है. जिससे किसान काफी मायूस हैं.
बता दें कि नैनीताल जिले का पर्वतीय इलाका खासकर ओखलकांडा सब्जी उत्पादन के लिए काफी मशहूर है. यहां आलू, टमाटर, मिर्च समेत अनेक सब्जियों का काफी मात्रा में उत्पादन होता है. लेकिन इनदिनों इस इलाके के ग्रामीण इसलिए परेशान हैं कि उन्होंने जो आलू की फसल बोयी थी, वो किसी अज्ञात रोग की चपेट में आ गई है. जिससे खेतों में आलू की पौध मुरझा रही है.
ये भी पढ़ेंः यमकेश्वर क्षेत्र में मक्के की फसल पर फॉल आर्मीवर्म कीट का 'आतंक', जानिए कैसे बचाएं अपनी फसल
किसानों का कहना है कि ऐसा रोग आलू की फसल में पहले कभी नहीं लगा था. ज्यादातर खेतों के यही हाल हैं. अब फसल को बचाने का समय भी नहीं है. जितनी मेहनत आलू की फसल के लिहाज से की गई थी, उस परिप्रेक्ष्य में लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है. आलू की फसल इसलिए भी खराब हुई कि समय पर बारिश नहीं हुई. वहीं, किसानों ने आरोप लगाया है कि आलू की फसल का बीमा (potato crop insurance) होने के बावजूद भी उन्हें प्रीमियम के अनुरूप बीमा नहीं मिल पा रहा है.
विधायक राम सिंह कैड़ा ने कही ये बातः किसानों की फसल खराब हो जाने के मामले पर भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा (Bhimtal MLA Ram Singh Kaira) का कहना है कि बीमा कंपनियां फसल खराब होने पर तापमान का बहाना बनाकर किसानों को गुमराह कर रही हैं. उन्होंने बीमा कंपनियों की इस शिकायत को विधानसभा स्तर में भी उठाया था. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से भी कार्रवाई करने की बात कही है.