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कैमरा ट्रैप के जरिए कॉर्बेट में हो रही बाघों की गणना, 29 जुलाई को जारी होगा आंकड़ा

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ग्लोबल टाइगर डे पर बाघों की संख्या का ऐलान करने वाला है. कॉर्बेट प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व
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Published : Jul 17, 2019, 9:45 AM IST

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की जनसंख्या घनत्व के लिहाज से बेहतर है. साथ ही यहां पर बाघों की संख्या बढ़ रही है. इस बार की गणना में भी कॉर्बेट प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों को आशा है कि बाघों की संख्या बढ़कर आएगी, जो प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा के लिहाज से किसी चुनौती से कम नहीं होगी.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या का सही आंकलन लगाने के लिए कैमरा ट्रैप का काम पूरा हो चुका है. इस समय बाघों की संख्या का मूल्यांकन चल रहा है. 29 जुलाई को एनटीसीए भारत में बाघों की संख्या का ऐलान करने वाला है. ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों को उम्मीद है कि इस बार भी कॉर्बेट में बाघों की संख्या का आंकड़ा बढ़कर सामने आएगा.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सही संख्या जानने के लिए फेस 4 की गणना का काम पूरा हो चुका है. यह गणना कैमरा ट्रैप के माध्यम से की गई है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के 1288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे. जिसमें बाघों की तस्वीरें कैद हुई है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशा-निर्देश पर भारतीय वन्य जीव संरक्षण कैमरा ट्रैप में कैद हुई तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा है. संभावना है कि 29 जुलाई यानी ग्लोबल टाइगर डे के दिन एनटीसीए भारत में बाघों की संख्या का ऐलान करने वाला है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बढ़ सकती है बाघों की संख्या

पढ़ें- उत्तराखंड पुलिस विभाग में होने वाला है ये बड़ा काम, पुलिसकर्मियों की होगी बल्ले-बल्ले

साल 2014 में हुई बाघों की गणना में 215 बाघ अकेले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में निकल कर सामने आए थे. वन्यजीव प्रेमियों को आशा है कि इस बार हुई बाघों की गणना में यह आंकड़ा पिछली गणना के मुकाबले बढ़ सकता है. वन्यजीव प्रेमियों का यह भी मानना है कि बाघ एक टेरिटोरियल प्राणी है और बाघ कॉर्बेट का दायर सीमित है. ऐसे में बाघों का बढ़ना कॉर्बेट प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि कॉर्बेट प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा करना तथा उनके आपसी संघर्ष को रोकना आसान काम नहीं है.

कॉर्बेट में बाघों की संख्या बढ़ना अच्छी बात है. कॉर्बेट प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि कॉर्बेट का दायरा सीमित है और बाघों का जनसंख्या घनत्व बढ़ रहा है. बाघों को शिकारियों से बचाना और बाघों के आपसी संघर्ष को रोकना किसी युद्ध से कम नहीं है.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की जनसंख्या घनत्व के लिहाज से बेहतर है. साथ ही यहां पर बाघों की संख्या बढ़ रही है. इस बार की गणना में भी कॉर्बेट प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों को आशा है कि बाघों की संख्या बढ़कर आएगी, जो प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा के लिहाज से किसी चुनौती से कम नहीं होगी.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या का सही आंकलन लगाने के लिए कैमरा ट्रैप का काम पूरा हो चुका है. इस समय बाघों की संख्या का मूल्यांकन चल रहा है. 29 जुलाई को एनटीसीए भारत में बाघों की संख्या का ऐलान करने वाला है. ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों को उम्मीद है कि इस बार भी कॉर्बेट में बाघों की संख्या का आंकड़ा बढ़कर सामने आएगा.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सही संख्या जानने के लिए फेस 4 की गणना का काम पूरा हो चुका है. यह गणना कैमरा ट्रैप के माध्यम से की गई है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के 1288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे. जिसमें बाघों की तस्वीरें कैद हुई है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशा-निर्देश पर भारतीय वन्य जीव संरक्षण कैमरा ट्रैप में कैद हुई तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा है. संभावना है कि 29 जुलाई यानी ग्लोबल टाइगर डे के दिन एनटीसीए भारत में बाघों की संख्या का ऐलान करने वाला है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बढ़ सकती है बाघों की संख्या

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साल 2014 में हुई बाघों की गणना में 215 बाघ अकेले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में निकल कर सामने आए थे. वन्यजीव प्रेमियों को आशा है कि इस बार हुई बाघों की गणना में यह आंकड़ा पिछली गणना के मुकाबले बढ़ सकता है. वन्यजीव प्रेमियों का यह भी मानना है कि बाघ एक टेरिटोरियल प्राणी है और बाघ कॉर्बेट का दायर सीमित है. ऐसे में बाघों का बढ़ना कॉर्बेट प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि कॉर्बेट प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा करना तथा उनके आपसी संघर्ष को रोकना आसान काम नहीं है.

कॉर्बेट में बाघों की संख्या बढ़ना अच्छी बात है. कॉर्बेट प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि कॉर्बेट का दायरा सीमित है और बाघों का जनसंख्या घनत्व बढ़ रहा है. बाघों को शिकारियों से बचाना और बाघों के आपसी संघर्ष को रोकना किसी युद्ध से कम नहीं है.

Intro:नोट- इस खबर के विजुअल मिल से भेजे गए हैं स्क्रिप्ट और बाइट मौजों से भेजी गई है।

summary- कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की जनसंख्या घनत्व के लिहाज से बेहतर है। लगातार प्रत्येक गणना में यहां पर बाघ बढ़ रहे हैं। इस बार की गणना में भी कॉर्बेट प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों को आशा है कि बाघों की संख्या बढ़कर आएगी। जो प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा के लिहाज से किसी चुनौती से कम नहीं होगी।

intro- कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या का सही आंकलन लगाने के लिए कैमरा ट्रैप का काम पूरा हो चुका है। इस समय बाघों की संख्या का मूल्यांकन चल रहा है बहुत जल्दी 29 जुलाई को एनटीसीए भारत में बाघों की संख्या का ऐलान करने वाला है। ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों को उम्मीद है कि इस बार भी कॉर्बेट में बाघों की संख्या का आंकड़ा बढ़कर सामने आएगा।


Body:vo.- कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या का सही आंकलन जानने के लिए फेस 4 की गणना का काम पूरा हो चुका है। यह गणना कैमरा ट्रैप के माध्यम से की गई थी। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के 1288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे। जिसमें बाघों की तस्वीरें कैद हुई थी। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशा-निर्देश में भारतीय वन्य जीव संरक्षण कैमरा ट्रैप में हुई तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा है। संभावना है कि 29 जुलाई ग्लोबल टाइगर डे के दिन एनटीसीए भारत में बाघों की कितनी संख्या है उनका ऐलान करने वाला है। वर्ष 2014 में हुई बाघों की गणना में 215 भाग अकेले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में निकल कर सामने आए थे। वन्यजीव प्रेमियों को आशा है कि इस बार हुई बाघों की गणना में यह आंकड़ा पिछली गणना के मुकाबले बढ़ सकता है। वन्यजीव प्रेमियों का यह भी मानना है कि बाघ एक टेरिटोरियल प्राणी है और बाघ कॉर्बेट का दायर सीमित है। ऐसे में बाघों का बढ़ना कॉर्बेट प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि कॉर्बेट प्रशासन के सामने बाघो की सुरक्षा करना तथा उनके आपसी संघर्ष को रोकना आसान काम नहीं है।

byte-1- संजय छिम्वाल (वन्यजीव प्रेमी)


vo.- वही कॉर्बेट प्रशासन को भी 29 जुलाई का बड़ी बेसब्री से इंतजार है। क्योंकि एनटीसीए द्वारा बाघों की संख्या की घोषणा की जानी है। कॉर्बेट प्रशासन को भरोसा है कि पिछले गणना के मुकाबले इस बार हुई बाघों की गणना में बाघों की संख्या बढ़कर सामने आएगी। उन्होंने बताया कि कैमरा ट्रक से हुई गणना का विश्लेषण भारतीय वन्यजीव संस्थान कर रहा है। जिसका रिजल्ट 29 जुलाई को आना है।

byte-2- राहुल कुमार (निर्देशक, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व)


Conclusion:fvo- कॉर्बेट में बाघों की संख्या बढ़ना अच्छी बात है। कॉर्बेट प्रशासन के सामने बाघों की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि कॉर्बेट का दायरा सीमित है और बाघों का जनसंख्या घनत्व बढ़ रहा है। बाघों को शिकारियों से बचाना और बाघों के आपसी संघर्ष को रोकना किसी युद्ध से कम नहीं है।
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