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इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर हल्द्वानी में लगा राजनीति के दिग्गजों का जमावड़ा, ऐसे किया याद - Harish Rawat remembered Indira Hridayesh

इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को साथ देखना सुखद रहा. राजनीति के दिनों में इंदिरा हृदयेश और हरीश रावत एक दूसरे के प्रति प्रतिद्वंदिता रखते थे. लेकिन इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर हरीश रावत आए तो भगत सिंह कोश्यारी ने भी अपनी यादों को साझा किया.

Indira Hridayesh
इंदिरा हृदयेश पुण्यतिथि
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Published : Jun 14, 2023, 9:31 AM IST

हल्द्वानी: शहर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा रहा. मौका था पार्टी की दिग्गज नेता रहीं स्वर्गीय इंदिरा हृददेश की दूसरी पुण्यतिथि का. इस मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल मौजूद रहे.

Indira Hridayesh
इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर नेताओं का जमावड़ा

भगत सिंह कोश्यारी ने इंदिरा हृदयेश के काम याद दिलाए: इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के नेताओं ने दलगत राजनीति से उठकर ये संदेश दिया कि भले ही राजनीतिक फ्रंट अलग हों, लेकिन सुख-दुख में वो साथ हैं. इस दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के साथ उनकी कई यादें जुड़ी हुई हैं. हकीकत तो यह है कि इंदिरा हृदयेश ने हमेशा दलगत राजनीति से उठकर राज्य के विकास के लिए काम किया.

करन माहरा ने इंदिरा हृदयेश को ऐसे किया याद: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि इंदिरा हृदयेश एक विजनरी पर्सनालिटी थीं. उन्होंने हमेशा राज्य के, गांव के विकास के लिए कार्य योजना बनाई. करण माहरा ने कहा कि आज हमें जरूरत है कि हम इंदिरा हृदयेश के अधूरे सपनों को पूरा करें और उसे आगे बढ़ाने का काम करें.

हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश के साथ की यादें साझा कीं: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश के साथ रही अपनी कुछ यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश और हरीश रावत ने राज्य के हित के लिए साथ में संघर्ष किया. हरीश रावत ने कहा कि वह संपूर्ण और दृढ़ व्यक्तित्व की नेता थीं. उन्होंने राज्य के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया.
ये भी पढ़ें: इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि आज, जानें क्यों कहा जाता था उत्तराखंड की आयरन लेडी

इंदिरा के बेटे सुमित हृदयेश ने लिया ये प्रण: स्थानीय विधायक और इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित हृदयेश ने कहा कि वो अपनी मां के छोड़े गए अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे. सुमित ने कहा कि मां इंदिरा हृदयेश से ही उनमें राजनीतिक समझ पैदा हुई. राजनीतिक समझ आने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि एक सच्चे राजनेता का कार्य आम जन के लिए अपना जीवन समर्पित करना होता है.

हल्द्वानी: शहर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा रहा. मौका था पार्टी की दिग्गज नेता रहीं स्वर्गीय इंदिरा हृददेश की दूसरी पुण्यतिथि का. इस मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल मौजूद रहे.

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इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर नेताओं का जमावड़ा

भगत सिंह कोश्यारी ने इंदिरा हृदयेश के काम याद दिलाए: इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के नेताओं ने दलगत राजनीति से उठकर ये संदेश दिया कि भले ही राजनीतिक फ्रंट अलग हों, लेकिन सुख-दुख में वो साथ हैं. इस दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के साथ उनकी कई यादें जुड़ी हुई हैं. हकीकत तो यह है कि इंदिरा हृदयेश ने हमेशा दलगत राजनीति से उठकर राज्य के विकास के लिए काम किया.

करन माहरा ने इंदिरा हृदयेश को ऐसे किया याद: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि इंदिरा हृदयेश एक विजनरी पर्सनालिटी थीं. उन्होंने हमेशा राज्य के, गांव के विकास के लिए कार्य योजना बनाई. करण माहरा ने कहा कि आज हमें जरूरत है कि हम इंदिरा हृदयेश के अधूरे सपनों को पूरा करें और उसे आगे बढ़ाने का काम करें.

हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश के साथ की यादें साझा कीं: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश के साथ रही अपनी कुछ यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश और हरीश रावत ने राज्य के हित के लिए साथ में संघर्ष किया. हरीश रावत ने कहा कि वह संपूर्ण और दृढ़ व्यक्तित्व की नेता थीं. उन्होंने राज्य के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया.
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इंदिरा के बेटे सुमित हृदयेश ने लिया ये प्रण: स्थानीय विधायक और इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित हृदयेश ने कहा कि वो अपनी मां के छोड़े गए अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे. सुमित ने कहा कि मां इंदिरा हृदयेश से ही उनमें राजनीतिक समझ पैदा हुई. राजनीतिक समझ आने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि एक सच्चे राजनेता का कार्य आम जन के लिए अपना जीवन समर्पित करना होता है.

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