नैनीतालः पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव में खनन सामग्री की ढुलाई के लिए अवैध सड़क निर्माण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने खनन अधिकारी से पूछा है कि अभी तक पूर्व के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई? इस संबंध में शपथ पत्र पेश करें.
पूरा मामला पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव में खनन सामग्री लाने और ले जाने के लिए पट्टाधारक की ओर से अवैध सड़क निर्माण करने से जुड़ा है. आज पूर्व के आदेश पर पिथौरागढ़ जिलाधिकारी, डीएफओ और खनन अधिकारी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. इससे पहले हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. अब मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी.
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दरअसल, पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव की नीमा वल्दिया ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके गांव में नदी के किनारे सरकार ने खनन के लिए साल 2022 में पट्टा लीज पर दिया था. शुरुआत में पट्टाधारक ने मजदूर लगाकर खनन का काम कराया. बाद में खनन समाग्री को लाने और ले जाने के लिए उसने बिना अनुमति के वहां पर सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया.
याचिकाकर्ता का कहना था कि सड़क निर्माण के दौरान पट्टाधारक ने 100 से ज्यादा खैर और साल के पेड़ काट दिए. जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो पट्टाधारक ने सड़क निर्माण का काम कुछ समय के लिए बंद कर दिया, लेकिन विरोध के शांत होते ही उसने फिर से सड़क निर्माण शुरू कर दिया. याचिकाकर्ता का आरोप था कि जिला प्रशासन ने भी उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. ऐसे में उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी. वहीं, जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि अवैध रूप से बन रही सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए.