हल्द्वानी: नैनीताल का जिला पूर्ति विभाग 1.25 करोड़ रुपए के कर्ज में दबा हुआ है. ये कर्जा हल्द्वानी के पेट्रोल पंप स्वामियों का है. वहीं अब जिला पूर्ति विभाग के सामने मुश्किल ये है कि पेट्रोल पंप के मालिकों ने अब डीजल और पेट्रोल देने से इंकार कर दिया है.
दरअसल, हल्द्वानी शहर के पेट्रोल पंपों से जिला पूर्ति विभाग द्वारा कोविड-19 में चलने वाले वाहनों के लिए तेल उपलब्ध कराया गया था, जिसका भुगतान करीब सवा करोड़ के आसपास है. यही नहीं कोविड-19 में लगे प्राइवेट टैक्सी चालकों का भी बकाया भुगतान नहीं हो पाया है. इसको लेकर टैक्सी चालक अब 5 दिसंबर से हड़ताल करने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि करीब 75 लाख रुपए टैक्सी चालकों का भुगतान बकाया है.
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पेट्रोल पंप स्वामियों का कहना है कि जिला पूर्ति विभाग के निर्देश के बाद कोविड-19 में लगे वाहनों को उधारी में तेल दिया गया था, लेकिन भुगतान नहीं होने के चलते उनके आगे संकट खड़ा हो गया है. उन्हें हर महीने हजारों रुपए ब्याज के तौर पर चुकाने पड़ रहे हैं, लेकिन पूर्ति विभाग और सरकार उनकी परेशानियों को नहीं समझ रहा है. पेट्रोल पंप वाले अपने भुगतान को लेकर कई बार जिला पूर्ति अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जिला पूर्ति अधिकारी शासन से बजट नहीं आने की बात कहकर उन्हें टाल देते हैं. जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि शासन से पैसा आते ही उन्हें बजट दिया जाएगा.
यही नहीं परिवहन विभाग ने भी निजी टैक्सियों का अधिग्रहण कर कोविड-19 ड्यूटी में लगाया गया था, लेकिन उनका भी जून माह से भुगतान नहीं हो पाया है, जिसके चलते टैक्सी चालकों के आगे भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. टैक्सी चालकों का कहना है कि भुगतान नहीं होने से बैंक की किस्त नहीं दे पा रहे हैं, जिसके चलते फाइनेंस कंपनियां उनके वाहनों को अब जब्त करने की कार्रवाई कर रही हैं. ऐसे में अपने भुगतान को लेकर 5 दिसंबर से परिवहन निगम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगे.
इस पूरे मामले में अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी का कहना है कि पेट्रोल पंप स्वामियों के तेल के अलावा टैक्सी चालकों और होटलों का भी कोविड-19 के समय का किराया बाकी है. इस मामले में शासन को अवगत करा दिया गया है. बजट मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा.