हल्द्वानी: कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से आम जनता आर्थिक तंगी से जूझ रही है. इस लॉकडाउन में किसी की नौकरी चली गई तो कई लोगों का व्यापार ठप हो गया. जिसकी वजह से गरीब अपने और परिवार के भरण-पोषण के लिए पैसे-पैसे का मोहताज है. ऐसे में ये लोग परिवार का खर्च और व्यापार करने के लिए अपनी मां और पत्नी के गहने गिरवी रखने और बेचने को मजबूर हैं.
लॉकडाउन के दौरान आए आर्थिक संकट की वजह से लोग गहने बेचने और गिरवी रखने के लिए सर्राफा दुकानों पर पहुंच रहे हैं. वहीं, कई लोगों की भीड़ गोल्ड के बदले लोन देने वाली कंपनियों के दफ्तरों मे भी देखी जा रही है. ऐसे में लोग अपने आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए मां के जेवर के अलावा पत्नियों के मंगलसूत्र भी बेचने या फिर गिरवी रखने को मजबूर हैं.
हल्द्वानी सर्राफा एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम रस्तोगी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद लोगों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. लोगों के पास जो पैसे थे वह खर्च हो चुके हैं. ऐसे में अब लोग घर में रखे पुरखों की संपत्ति सोना-चांदी लेकर सर्राफा दुकानों पर पहुंच रहे हैं. लोग सर्राफा व्यापारियों के पास इन जेवरात को बेचने और गिरवी रखने जा रहे हैं. लोग अपने कारोबार को दोबारा से चालू करने के लिए सोने चांदी की बिक्री के साथ-साथ गिरवी भी रख रहे हैं.
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हल्द्वानी में गांव देहातों से लोग अपने पुरखों के जेवरात लेकर बिक्री के लिए भी सर्राफा दुकानों पर पहुंच रहे हैं. ग्रीन सिटी सर्राफा एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम रस्तोगी के मुताबिक, कोई व्यक्ति अपना सोना अगर बेचता है तो उसको 15% से लेकर 20% तक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि चांदी के बिक्री पर 50% तक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
वर्तमान में सोना का भाव करीब ₹48 हजार प्रति 10 ग्राम है. कई कारोबारी सोने के पुराने आभूषणों का कारोबार करने से कतरा रहे हैं. क्योंकि, अगर रेट में गिरावट होती है तो सोने चांदी कारोबारियों को नुकसान हो सकता है. वहीं, इन दिनों शादियों का सीजन है, लेकिन लॉकडाउन के बाद से शादियां बहुत कम हो रही है. ऐसे में सोने चांदी के कारोबारियों को काफी नुकसान भी हुआ है.