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इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि आज, जानें क्यों कहा जाता था उत्तराखंड की आयरन लेडी

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Published : Jun 13, 2023, 12:23 PM IST

उत्तराखंड की राजनीति की आइरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा हृदयेश की आज दूसरी पुण्यतिथि है. हल्द्वानी में उनके आवास पर लोग इंदिरा हृदयेश को श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं. यूपी के जमाने से राजनीति करने वाली इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड में भी अपनी धाक जमाई थी.

tribute to Indira Hridayesh
इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि

हल्द्वानी: स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश की आज पुण्यतिथि है. पुण्यतिथि के मौके पर राजनीति के कई दिग्गज इंदिरा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंच रहे हैं. 13 जून 2021 को दिल्ली में 80 वर्ष की उम्र में इंदिरा हृदयेश का निधन हो गया था. उत्तराखंड की राजनीति में इंदिरा हृदयेश की बड़ी भूमिका रही थी. इसीलिए इंदिरा हृदयेश को उत्तराखंड की आयरन लेडी कहा जाता था.

अयोध्या में हुआ था इदिरा हृदयेश का जन्म: इंदिरा ह्रदयेश का जन्म 7 अप्रैल, 1941 को अयोध्या में हुआ था. उन्होंने हिंदी और राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने के साथ B.ed और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की थी. इंदिरा हृदयेश ने पिछले चार दशक से यूपी से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाई थी. वे एक कुशल प्रशासक, वरिष्ठ राजनीतिज्ञ व संसदीय ज्ञान की जानकार थीं.

आयरन लेडी के नाम थीं प्रसिद्ध: 7 अप्रैल, 1941 में जन्मी इंदिरा हृदयेश उत्तराखंड की राजनीति में 'आयरन लेडी' के नाम से जानी जाती थीं. उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत उत्तर प्रदेश से की थी. उनकी राजनीतिक पारी उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष के रूप में समाप्त हुई थी. इंदिरा हृदयेश 33 साल की उम्र में 1974 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बनीं.

इंदिरा हृदयेश की काबिलियत ही थी कि उनकी गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में की जाती थी. उसके बाद फिर से 1986, 1992 और 1998 में भी वो उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य चुनी गईं. 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अलग राज्य बनने पर अंतरिम सरकार बनी तो इंदिरा हृदयेश विपक्ष की नेता चुनी गईं. मार्च 2002 में उत्तराखंड में पहली विधानसभा के लिए चुनाव हुए. इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी से विधायक चुनी गईं.
ये भी पढ़ें: कल है इंदिरा हृदयेश की दूसरी पुण्यतिथि, बेटे सुमित ने बीजेपी पर लगाया हल्द्वानी की उपेक्षा का आरोप

एनडी तिवारी मुख्यमंत्री बने. एनडी तिवारी सरकार में इंदिरा हृदयेश ने मंत्री रहते हुए पीएडब्ल्यूडी, फाइनेंस, संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग को संभाला.
इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड की राजनीति को कई नए मुकाम दिए. एनडी तिवारी से लेकर हरीश रावत सरकार में इंदिरा हृदयेश ने मंत्री रहते हुए कई अहम मंत्रालयों को संभाला. उन्होंने प्रदेश में काफी कुछ विकास के काम किए. खासकर कुमाऊं मंडल में उनको मददगार नेता माना जाता रहा. इंदिरा हृदयेश के 3 पुत्र हैं. उनकी राजनीतिक विरासत को उनके पुत्र सुमित हृदयेश संभाल रहे हैं. सुमित हृदयेश वर्तमान में हल्द्वानी के विधायक हैं.

हल्द्वानी: स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश की आज पुण्यतिथि है. पुण्यतिथि के मौके पर राजनीति के कई दिग्गज इंदिरा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंच रहे हैं. 13 जून 2021 को दिल्ली में 80 वर्ष की उम्र में इंदिरा हृदयेश का निधन हो गया था. उत्तराखंड की राजनीति में इंदिरा हृदयेश की बड़ी भूमिका रही थी. इसीलिए इंदिरा हृदयेश को उत्तराखंड की आयरन लेडी कहा जाता था.

अयोध्या में हुआ था इदिरा हृदयेश का जन्म: इंदिरा ह्रदयेश का जन्म 7 अप्रैल, 1941 को अयोध्या में हुआ था. उन्होंने हिंदी और राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने के साथ B.ed और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की थी. इंदिरा हृदयेश ने पिछले चार दशक से यूपी से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाई थी. वे एक कुशल प्रशासक, वरिष्ठ राजनीतिज्ञ व संसदीय ज्ञान की जानकार थीं.

आयरन लेडी के नाम थीं प्रसिद्ध: 7 अप्रैल, 1941 में जन्मी इंदिरा हृदयेश उत्तराखंड की राजनीति में 'आयरन लेडी' के नाम से जानी जाती थीं. उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत उत्तर प्रदेश से की थी. उनकी राजनीतिक पारी उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष के रूप में समाप्त हुई थी. इंदिरा हृदयेश 33 साल की उम्र में 1974 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बनीं.

इंदिरा हृदयेश की काबिलियत ही थी कि उनकी गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में की जाती थी. उसके बाद फिर से 1986, 1992 और 1998 में भी वो उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य चुनी गईं. 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अलग राज्य बनने पर अंतरिम सरकार बनी तो इंदिरा हृदयेश विपक्ष की नेता चुनी गईं. मार्च 2002 में उत्तराखंड में पहली विधानसभा के लिए चुनाव हुए. इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी से विधायक चुनी गईं.
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एनडी तिवारी मुख्यमंत्री बने. एनडी तिवारी सरकार में इंदिरा हृदयेश ने मंत्री रहते हुए पीएडब्ल्यूडी, फाइनेंस, संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग को संभाला.
इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड की राजनीति को कई नए मुकाम दिए. एनडी तिवारी से लेकर हरीश रावत सरकार में इंदिरा हृदयेश ने मंत्री रहते हुए कई अहम मंत्रालयों को संभाला. उन्होंने प्रदेश में काफी कुछ विकास के काम किए. खासकर कुमाऊं मंडल में उनको मददगार नेता माना जाता रहा. इंदिरा हृदयेश के 3 पुत्र हैं. उनकी राजनीतिक विरासत को उनके पुत्र सुमित हृदयेश संभाल रहे हैं. सुमित हृदयेश वर्तमान में हल्द्वानी के विधायक हैं.

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