हल्द्वानी: जहां एक ओर सरकार नशे से दूर रहने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाती रहती है, वहीं दूसरी ओर कुमाऊं मंडल में लोग करीब 701 करोड़ की शराब पी गए. जिससे सरकार के राजस्व में काफी इजाफा हुआ है, क्योंकि प्रदेश में बड़ा राजस्व देने वालों में शराब का कारोबार भी एक है.
700 करोड़ की शराब पी गए कुमाऊं के लोग: वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है, जिसके तहत आबकारी विभाग निरंतर क्लोजिंग का कार्य तेज गति से चला रहा है. आबकारी विभाग भी क्लोजिंग कराए जाने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग को कुमाऊं मंडल से शराब से करीब 783 करोड़ रुपए का लक्ष्य मिला था. जिसमें से विभाग द्वारा जनवरी माह तक करीब ₹701 करोड़ रुपए का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है. संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में करीब दो माह अभी बाकी हैं. शराब की दुकानों से मिलने वाले राजस्व प्राप्ति के लिए विभाग द्वारा अभियान चलाकर शराब कारोबारियों से राजस्व वसूला जा रहा है. राजस्व जमा नहीं करने की स्थिति में कई दुकानों को निरस्त करने की भी कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल में 280 मदिरा की दुकानें हैं, जहां 138 अंग्रेजी जबकि 142 देसी शराब की दुकानें हैं.
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इस वित्तीय वर्ष में अभी भी ₹82 करोड़ 55 लाख की राजस्व बकाया है. जिसे वसूलने के लिए अभियान तेज किया गया है. मार्च तक लक्ष्य पूरा करने जाएगा. इस वित्तीय वर्ष में बागेश्वर के लिए 48 करोड़ 51 लाख, पिथौरागढ़ के लिए 87 करोड़ 51 लाख, चंपावत के लिए 56 करोड़ 76 लाख, अल्मोड़ा के लिए 129 करोड़ 60 लाख का लक्ष्य रखा गया था.
नैनीताल वाले निकले सबसे बड़े पियक्कड़: नैनीताल 273 करोड़ 24 लाख, उधम सिंह नगर के लिए 148 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था. उन्होंने बताया कि कई दुकानदारों द्वारा राजस्व जमा नहीं किए जाने की स्थिति में उधम सिंह नगर में 15 दुकानों को कैंसिल करने की कार्रवाई की गई है. अल्मोड़ा में एक ठेकेदार द्वारा राजस्व नहीं जमा करने पर आरसी की कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया गया कि अभी वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 2 माह का समय है. इसी बीच होली का त्योहार भी है. इसमें यह लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद है.