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नए साल के पहले दिन मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता

नए साल के पहले दिन की शुरुआत श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर की. जिसके चलते नैनीताल के मां नैना देवी मंदिर और अल्मोड़ा के गोलू देवता मंदिर और जागेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.

Maa Naina Devi temple news
भगवान के दर्शन करते श्रद्धालु
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Published : Jan 1, 2020, 7:10 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 12:11 PM IST

नैनीताल/अल्मोड़ा: सरोवर नगरी के लोगों ने नए साल के पहले दिन की शुरुआत नैना देवी मां के दर्शन कर की. यहां के लोग मां नैना देवी को अपनी कुलदेवी के रूप में मानते हैं. जिसके चलते हर साल स्थानीय निवासी अपने साल के पहले दिन की शुरुआत मां के दर्शन से ही करते हैं. वहीं, अल्मोड़ा में गोलू देवता मंदिर और जागेश्वर मंदिर में भी नए साल में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. जहां सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.

नैनीताल में मां नैना देवी के दर्शन करते श्रद्धालु.

पंडित गोपाल दत्त जोशी ने बताया कि मां नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है. नए साल के मौके पर देशभर से मां के भक्त यहां आकर मां का आशीर्वाद लेते हैं. ऐसा माना जाता है कि नैनीताल में जिस जगह माता के मंदिर की स्थापना की गई उस स्थान पर देवी सती की आंख गिरी थी. जिसके बाद इस स्थान पर मां के मंदिर की स्थापना की गई. मां नैना देवी यहां नयन रूप में साक्षात मौजूद हैं.

अल्मोड़ा में भगवान के दर्शन करते श्रद्धालु.

ये भी पढे़ं: हरिद्वारः महिलाओं को जागरूक बना रही संकल्प महिला समिति, चला रही कई अभियान

वहीं, जागेश्वर धाम के पुजारी हेमंत भट्ट ने बताया कि नए साल में श्रद्धालु अपनी मनोकामना एवं सुख शांति के लिए भगवान शिव के दर्शन कर रहे हैं. सुबह से ही मंदिरों में रुद्राभिषेक और हवन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है.

नैनीताल/अल्मोड़ा: सरोवर नगरी के लोगों ने नए साल के पहले दिन की शुरुआत नैना देवी मां के दर्शन कर की. यहां के लोग मां नैना देवी को अपनी कुलदेवी के रूप में मानते हैं. जिसके चलते हर साल स्थानीय निवासी अपने साल के पहले दिन की शुरुआत मां के दर्शन से ही करते हैं. वहीं, अल्मोड़ा में गोलू देवता मंदिर और जागेश्वर मंदिर में भी नए साल में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. जहां सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.

नैनीताल में मां नैना देवी के दर्शन करते श्रद्धालु.

पंडित गोपाल दत्त जोशी ने बताया कि मां नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है. नए साल के मौके पर देशभर से मां के भक्त यहां आकर मां का आशीर्वाद लेते हैं. ऐसा माना जाता है कि नैनीताल में जिस जगह माता के मंदिर की स्थापना की गई उस स्थान पर देवी सती की आंख गिरी थी. जिसके बाद इस स्थान पर मां के मंदिर की स्थापना की गई. मां नैना देवी यहां नयन रूप में साक्षात मौजूद हैं.

अल्मोड़ा में भगवान के दर्शन करते श्रद्धालु.

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वहीं, जागेश्वर धाम के पुजारी हेमंत भट्ट ने बताया कि नए साल में श्रद्धालु अपनी मनोकामना एवं सुख शांति के लिए भगवान शिव के दर्शन कर रहे हैं. सुबह से ही मंदिरों में रुद्राभिषेक और हवन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है.

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नैनीताल में स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने साल के पहले दिन की शुरुआत मां नैना देवी के दर्शन से की।

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नैनीताल में साल के पहले दिन की शुरुआत स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक ओने मां के दर्शनों के साथ की, स्थानीय लोग मां नैना देवी को अपनी कुलदेवी के रूप में मानते हैं और यही कारण है कि सालों से हर साल स्थानीय निवासी अपने साल के पहले दिन की शुरुआत मां के दर्शन से करते हैं और मां अपने भक्तों के हर मनोकामना पूरी करती है यही कारण है कि साल के पहले दिन देशभर से स्थानीय निवासी यहां आकर मां का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते।


Body:नैनीताल में थर्टी फर्स्ट पर जितने हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया नए साल का स्वागत उतनी ही सादगी से किया गया था नैनीताल में लोगों ने साल 2020 की शुरूआत मां नैना देवी के दर्शन के साथ किया, नए साल की शुरुआत के लिए सुबह से ही मंदिरों में लोगों का तांता लगना शुरू हो गया स्थानीय लोगों के साथ-साथ नए साल का जश्न मनाने नहीं ताल पहुंचे परित्तुकोणम मां के दरबार में माथा टेक नए साल की शुरुआत की और अपने भविष्य के लिए दुआएं मांगी।

बाईट- पर्यटक


Conclusion:आपको बता दें कि नैनीताल की नैना देवी के प्रति लोगों में अपार आस्था है कहा जाता है कि मां के दरबार से आज तक कोई खाली हाथ नहीं लौटा इसी का नतीजा है कि जो पर्यटक नैनीताल घूमने आते हैं वह मां के मंदिर में माथा टेकना नहीं भूलते,,,
मां नैना देवी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है और यहां मां के भक्त हर साल देशभर से आकर मां का आशीर्वाद लेते हैं ऐसा माना जाता है कि नैनीताल में जिस जगह माता के मंदिर की स्थापना की गई उस स्थान पर देवी सती की आंख गिरी थी जिसके बाद इस स्थान पर मां की मंदिर की स्थापना हुई, मान्यता तो यह भी है कि यह मां यहां नयन रूप में साक्षात मौजूद हैं और मां अपने आंखों से भक्तों के दुख दर्द हर लेती हैं यही कारण है कि यहां साल भर देसी विदेशी भक्तों का तांता लगा रहता है।

बाईट- गोपाल दत्त जोशी, पंडित।
Last Updated : Jan 4, 2020, 12:11 PM IST
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