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रामनगर: निजी स्कूलों की मनमानी पर भड़के अभिभावक, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में किया प्रदर्शन - arbitrariness of private schools in Ramnagar

रामनगर में कई स्कूल संचालक मनमानी कर रहे हैं. अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूलों में छात्रों पर महंगी किताबें खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में आज अभिभावकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया और मनमानी करने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

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Published : Apr 11, 2023, 4:23 PM IST

रामनगर: इन दिनों सभी स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत हुई है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं. आरोप है कि निजी विद्यालय छात्रों के अभिभावकों पर प्राइवेट किताबें खरीदने का दबाव बना रहें. जबकि अभिभावक स्कूलों में एनसीईआरटी की किताब चलाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों ने स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्कूलों की मनमानी से भड़के अभिभावक ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया और स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

रामनगर और आसपास के क्षेत्र स्थित निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अब अभिभावक में आक्रोश पनप रहा है. अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूल संचालक एनसीईआरटी की किताबें ना लगाकर प्राइवेट किताबें खरीदने का बच्चों पर दबाव बना रहे है. जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ है. वही, स्कूल संचालक सरकार के नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं.

ऐसे में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के खिलाफ कई अभिभावकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने धरना प्रदर्शन करते हुए निजी स्कूल संचालकों पर मनमानी करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए. अभिभावक संघ के अध्यक्ष ललित उप्रेती का आरोप है कि निजी स्कूल संचालकों द्वारा किताबों के नाम पर शोषण किया जा रहा है. वही, फीस वृद्धि के साथ ही वार्षिक शुल्क भी अभिभावकों से भारी मात्रा में वसूला जा रहा है. इसके साथ ही बच्चों की ड्रेस पर भी कमीशन खोरी की जा रही है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में खुलेंगे बुक बैंक, किताबों की भविष्य में खत्म होगी किल्लत

उन्होंने कहा एक तरफ सरकार बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने की बात कह रही है. वहीं, निजी स्कूल संचालक बस्ते का बोझ बढ़ाने के साथ ही अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा रहे हैं. उन्होंने तत्काल इस पर रोक लगाने के साथ ही नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

मामले में खंड शिक्षा अधिकारी तारा सिंह ने बताया उनके द्वारा लगातार अपील की जा रही है कि अभिभावक केवल एनसीईआरटी की ही किताबें खरीदें. यदि कोई स्कूल संचालक प्राइवेट किताब खरीदने का दबाव बनाता है तो, उसकी शिकायत उनसे कर सकते हैं. जिसके बाद शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा. उन्होंने कई स्कूलों और किताबों की दुकानों पर छापामारी की है. साथ ही कई स्कूल संचालकों को नोटिस भी भेजा है. यदि सप्ताह भर के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो, संचालकों के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही है.

रामनगर: इन दिनों सभी स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत हुई है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं. आरोप है कि निजी विद्यालय छात्रों के अभिभावकों पर प्राइवेट किताबें खरीदने का दबाव बना रहें. जबकि अभिभावक स्कूलों में एनसीईआरटी की किताब चलाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों ने स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्कूलों की मनमानी से भड़के अभिभावक ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया और स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

रामनगर और आसपास के क्षेत्र स्थित निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अब अभिभावक में आक्रोश पनप रहा है. अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूल संचालक एनसीईआरटी की किताबें ना लगाकर प्राइवेट किताबें खरीदने का बच्चों पर दबाव बना रहे है. जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ है. वही, स्कूल संचालक सरकार के नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं.

ऐसे में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के खिलाफ कई अभिभावकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने धरना प्रदर्शन करते हुए निजी स्कूल संचालकों पर मनमानी करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए. अभिभावक संघ के अध्यक्ष ललित उप्रेती का आरोप है कि निजी स्कूल संचालकों द्वारा किताबों के नाम पर शोषण किया जा रहा है. वही, फीस वृद्धि के साथ ही वार्षिक शुल्क भी अभिभावकों से भारी मात्रा में वसूला जा रहा है. इसके साथ ही बच्चों की ड्रेस पर भी कमीशन खोरी की जा रही है.
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उन्होंने कहा एक तरफ सरकार बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने की बात कह रही है. वहीं, निजी स्कूल संचालक बस्ते का बोझ बढ़ाने के साथ ही अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा रहे हैं. उन्होंने तत्काल इस पर रोक लगाने के साथ ही नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

मामले में खंड शिक्षा अधिकारी तारा सिंह ने बताया उनके द्वारा लगातार अपील की जा रही है कि अभिभावक केवल एनसीईआरटी की ही किताबें खरीदें. यदि कोई स्कूल संचालक प्राइवेट किताब खरीदने का दबाव बनाता है तो, उसकी शिकायत उनसे कर सकते हैं. जिसके बाद शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा. उन्होंने कई स्कूलों और किताबों की दुकानों पर छापामारी की है. साथ ही कई स्कूल संचालकों को नोटिस भी भेजा है. यदि सप्ताह भर के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो, संचालकों के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही है.

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