देहरादून: पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची में किए गए बदलाव का मामला एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है. अब आरक्षण के मामले अगली सुनवाई सोमवार (23 सितंबर) को सुनवाई होगी.
याचिकाकर्ता अरुण कुमार शुक्ला का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए पहले 13 सितंबर 2019 को नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद 16 सितंबर को कुछ जगह पर आरक्षण में बदलाव कर दिया गया और चुनाव आयोग को आरक्षण में बदलाव करने के निर्देश भी दे दिए गए.
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हाई कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर एक बार चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी हो जाए तो उसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता. अगर सरकार को किसी भी विशेष परिस्थिति में आरक्षण में बदलाव करना होता है तो उसके लिए चुनाव खत्म होने के बाद चुनावी याचिका दायर की जाती है, लेकिन सरकार ने नियम विरुद्ध तरीके से नोटिफिकेशन में बदलाव कर दिया गया जो गलत है.
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बता दें कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर आरक्षण में त्रुटियों को लेकर पूर्व में एक जनहित याचिका नैनीताल हाई कोर्ट में दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने निर्देशक पंचायती राज को निर्देश दिए थे कि वह याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन का निस्तारण करें. जिसके बाद पंचायती राज निर्देशक ने हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए नोटिफिकेशन में बदलाव किए.