हल्द्वानी: परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जिले के विभिन्न गांवों के कृषकों का भ्रमण और प्रशिक्षण का काम चल रहा है. इसके तहत गोरापड़ाव के रहने वाले प्रगतिशील किसान अनिल पांडे इन किसानों को अपनी पाठशाला में प्रशिक्षण भी दे रहे हैं. जिससे किसान परंपरागत और जैविक खेती द्वारा उत्पादन कर सकें. इस तरह के प्रशिक्षण से किसानों को खेती करने में कई तरह के फायदे मिलते हैं और वह खेती के प्रति जागरूक भी होते हैं.
बता दें कि, कार्यदायी संस्था श्रीराम सॉल्वेंट जसपुर के माध्यम से अनिल पांडे जैविक कृषि का प्रशिक्षण दे रहे हैं. इस प्रशिक्षण में जिले के विकासखंड, बेतालघाट, ओखलकांडा, भीमताल के कृषकों के समूह को जैविक खेती की तकनीक और विभिन्न जैविक खाद बनाने के तरीके बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें जैविक खाद और कीटनाशक बनाने की विधियों के बारे में भी बताया जा रहा है.
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प्रगतिशील किसान अनिल पांडे ने बताया कि किसानों को जैविक खेती से पहले मिट्टी की जांच करनी आवश्यक है. इस दौरान उन्होंने किसानों को मिट्टी की जांच के गुर भी सिखाए. उन्होंने कहा कि किसान अगर जैविक खेती करते हैं तो उनकी आय में वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरा क्षमता भी बढ़ती है. इससे किसान लंबे समय तक जैविक उत्पादन कर सकते हैं.