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श्रम योगी मानधन योजना: साल में 12 लाख रजिस्ट्रेशन का था लक्ष्य, हुए सिर्फ 32 हजार - उत्तराखंड सरकार

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों और स्वरोजगार अपनाने वाले लघु व्यापारियों ने एक साल में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत मात्र 32,000 लोगों ने पंजीकरण कराया है.

pmsym pension scheme
प्रदेश में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की स्थिति.
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Published : Jan 10, 2020, 12:45 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत अभी तक मात्र 32,000 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है. इस योजना को आगामी 15 फरवरी को एक साल पूरा होने जा रहा है. इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ने एक साल में 12,05,800 का लक्ष्य रखा था, जिसकी तुलना में ये आंकड़ा बेहद कम है.

प्रदेश में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की स्थिति खराब.

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों और स्वरोजगार अपनाने वाले लघु व्यापारियों को इस योजना के तहत पेंशन का लाभ मिलता है. लेकिन, एक साल में हुए मात्र 30 हजार पंजीकरण सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

पढ़ें: सात दिवसीय उत्तरायणी कौथिग महोत्सव का आगाज, दूर-दराज से पहुंच रहे हैं लोग

उप श्रम आयुक्त अशोक बाजपेई ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी योजना के तहत अभी तक असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के 31,298 और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत 687 लघु व्यापारियों ने पंजीकरण कराया है. इस योजना के तहत 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु में जो व्यक्ति ईपीएफ और ईएसआई के दायरे में नहीं आते, वे इस योजना के तहत पंजीकृण करा सकते हैं.

इस योजना के तहत पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति को ₹55 से लेकर ₹200 तक मासिक किस्त देनी होगी. 60 वर्ष की आयु के बाद उसको हर महीने ₹3000 पेंशन के रूप में दिये जाएंगे. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की सेफ्टी और सामाजिक सुरक्षा के लिए है. इसके अंतर्गत मजदूर, छोटे व्यापारी, छोटे किसान, छोटे कंस्ट्रक्शन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड-डे मिल कार्यकर्ता शामिल हैं.

हल्द्वानी: प्रदेश में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत अभी तक मात्र 32,000 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है. इस योजना को आगामी 15 फरवरी को एक साल पूरा होने जा रहा है. इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ने एक साल में 12,05,800 का लक्ष्य रखा था, जिसकी तुलना में ये आंकड़ा बेहद कम है.

प्रदेश में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की स्थिति खराब.

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों और स्वरोजगार अपनाने वाले लघु व्यापारियों को इस योजना के तहत पेंशन का लाभ मिलता है. लेकिन, एक साल में हुए मात्र 30 हजार पंजीकरण सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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उप श्रम आयुक्त अशोक बाजपेई ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी योजना के तहत अभी तक असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के 31,298 और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत 687 लघु व्यापारियों ने पंजीकरण कराया है. इस योजना के तहत 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु में जो व्यक्ति ईपीएफ और ईएसआई के दायरे में नहीं आते, वे इस योजना के तहत पंजीकृण करा सकते हैं.

इस योजना के तहत पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति को ₹55 से लेकर ₹200 तक मासिक किस्त देनी होगी. 60 वर्ष की आयु के बाद उसको हर महीने ₹3000 पेंशन के रूप में दिये जाएंगे. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की सेफ्टी और सामाजिक सुरक्षा के लिए है. इसके अंतर्गत मजदूर, छोटे व्यापारी, छोटे किसान, छोटे कंस्ट्रक्शन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड-डे मिल कार्यकर्ता शामिल हैं.

Intro:sammry- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना चल रहा है कछुआ गति से अभी तक मात्र हुए 32000 लोग पंजीकरण।


एंकर- असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों और स्वरोजगार अपनाने वाले लघु व्यापारियों के लिए बुढ़ापे का पेंशन सहारा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में अभी तक मात्र 32000 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है। जबकि इस योजना के 15 फरवरी को 1 साल पूरे होने जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए इस वर्ष का लक्ष्य 1205800 पंजीकरण का रखा है ।ऐसे में साल बीतने को है लेकिन मात्र 32000 लोगों का इस योजना में अधिक पंजीकरण होना सरकार और उसके नुमाइंदे के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा हैं।


Body:उप श्रम आयुक्त अशोक बाजपेई के अनुसार प्रधानमंत्री श्रम योगी योजना के अंतर्गत 31298 लोगों ने आवेदन किया है जो असंगठित क्षेत्र के मजदूर हैं जबकि राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत 687 लघु व्यापारियों ने पंजीकरण कराया है। इस योजना के अंतर्गत 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु में जो व्यक्ति इपीएफ और ईएसआई के दायरे के अंतर्गत नहीं आ रहा है और वह इस योजना से पंजीकृत करा सकता है बता दें कि इस योजना के अंतर्गत ₹55 से लेकर ₹200 तक मासिक किस्त भी जाएगी जिसके बाद पात्र को 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद उसको ₹3000 प्रति माह पेंशन का हकदार होगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की सेफ्टी और सामाजिक सुरक्षा के लिए है। इसके अंतर्गत मजदूर छोटे व्यापारी छोटे किसान छोटे कंस्ट्रक्शन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मिड डे मिल कर करता शामिल है।

बाइट- अशोक बाजपेई उप श्रम आयुक्त श्रम विभाग


Conclusion:प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत अभी तक मात्र 32000 लोगों का ही पंजीकरण होना सरकार और अधिकारियों की कार्य करने की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं प्रदेश में लाखों लोग अभी भी असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं लेकिन इस योजना का उन तक लाभ नहीं पहुंच रहा है ऐसे में बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा इस योजना का प्रचार प्रसार और अधिकारी की लापरवाही जगजाहिर हो रहा है।
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