हल्द्वानी: कैंसर का नाम सुनते ही जहन में खौफ पैदा हो जाता है. हर साल हजारों की संख्या में लोग कैंसर के चलते अपनी जान गंवा देते हैं. वहीं अब उत्तराखंड में भी कैंसर रोगियों के इजाफा होता जा रहा है. पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत और सुरेंद्र राकेश की भी मौत कैंसर से जुझते हुए हो चुकी है. साल दर साल लगातार कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य महकमा भी काफी चिंतित नजर आ रहा हैं. हर साल 15 से 20 प्रतिशत कैंसर के रोगियों में इजाफा हो रहा है.
कुमाऊं में कैंसर पीड़ित मरीजों की संख्या को लेकर हल्द्वानी स्थित स्वामी राम कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के आंकड़े पर गौर करें तो अकेले कुमाऊं में ही बीत पिछले 10 सालो में 6 गुना वृद्धि हुई है. हर साल रोगियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. साल 2010 में 2,889, साल 2011 में 3,295 साल 2012 में 4,047, साल 2013 में 5,685 , साल 2014 में 6,241 ,साल 2015 में 6,846, साल 2016 में 7,274, साल 2017 में 7,746 जबकि 2018 में 8,021 और 2019 में 8,701 कैंसर के मरीज इलाज कराने पहुंचे हैं.
लगातार बढ़ती रोगियों की संख्या से डॉक्टर भी काफी चिंतित हैं. डॉक्टरों का कहना है कि मुंह और फेफड़े में कैंसर के मरीज उनके रिसर्च सेंटर में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. जिनमें ज्यादातर लोग अधिक ठंड वाले इलाकों के रहने वाले हैं.
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श्रीराम कैंसर अनुसंधान के निदेशक कैलाश चंद्र पांडे का कहना है कि इस समय सबसे ज्यादा मुंह और फेफड़े के कैंसर रोगी सामने आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्र में लोग ठंड से बचने के लिए आग और धुम्रपान का अधिक सेवन करते हैं. जिससे मुंह और फेफड़े के कैंसर का खतरा पैदा हो रहा है. साथ ही बताया कि कई बार लोग खांसी-जुकाम होने पर बिना डॉक्टर के राय लिए दवाइयों का इस्तेमाल कर लेते हैं. ऐसे में रिएक्शन होने के चलते कई बार बीमारी कैंसर में बदल जाती है. जिससे लोगों को बचना चाहिए.