हल्द्वानी: प्रदेश के डिग्री कॉलेज के छात्र ने निधि से 50% उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजे जाने और हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज से एक करोड़ रुपए छात्र निधि से निदेशालय द्वारा निकाले जाने को लेकर एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आज उच्च शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.साथ ही निदेशालय द्वारा लिया गया पैसा वापस करने और छात्र निधि से 50% उच्च शिक्षा के रुपए वापस लेने के फैसले की मांग की.
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा निदेशालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन करते हुए गेट के आगे धरने पर बैठ गए. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में भारी फोर्स तैनात थी. लेकिन छात्र निर्देशक से मिलने के लिए अंदर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. काफी मशक्कत के बाद निदेशक छात्रों से मिले गेट पर पहुंची जिसके बाद छात्रों ने अपना ज्ञापन सौंपा. गुस्साए छात्रों ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद से उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदेश के कॉलेजों से छात्र निधि से 50% पैसे ले लिया जा रहा है. इसके अलावा प्रदेश के 2 महाविद्यालयों से पौने दो करोड़ रुपए निदेशालय ने निकाल लिया हैं और उस पैसे को अन्य विद्यालय में खर्च किया जा रहा है.
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छात्रों ने मांग की जिस विद्यालय की छात्र निधि है उसी विद्यालय में उसको खर्च किया जाए. मोहन भंडारी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 18 अशासकीय महाविद्यालयों के फंड को भी रोक दिया है ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इन महाविद्यालयों का फंड जारी करें. जिससे कि वहां पर पढ़ाई हो सकें. उन्होंने कहा कि एमबीपीजी कॉलेज से एक करोड़ रुपए छात्र निधि से निकालकर दूसरे कॉलेज में नेटवर्किंग पर खर्च किया जा रहा है. लेकिन एमबीपीजी कॉलेज की व्यवस्था पूरी तरह से खराब है. ऐसे में निदेशालय को एमबीपीजी से लिए गए एक करोड़ रुपए तुरंत वापस किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने मांग न पूरी होने पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के घेराव की चेतावनी दी है. शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला ने बताया कि छात्रों की मांग को देखते हुए उनका ज्ञापन लेकर शासन को भेजा गया है. शासन के निर्देश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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कांग्रेसियों ने नगर निगम और सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
वहीं, दूसरी ओर हल्द्वानी नगर निगम में शामिल ग्रामीण इलाकों में 2 साल बाद भी कोई कार्य नहीं होने से आक्रोशित लोगों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर ब्लॉक कार्यालय में प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार ने ग्राम पंचायतों को जबरन 16 वार्ड में तब्दील कर नगर निगम में शामिल कर दिया. लेकिन 2 साल बाद भी क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. जबकि इससे पूर्व में ग्राम पंचायत होने के चलते यहां निरंतर विकास कार्य होते रहते थे. लेकिन नगर निगम में शामिल होने के बाद यहां के ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. गुस्साए लोगों ने सरकार और नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.