नैनीताल: कुमाऊं विवि के वाणिज्य विभाग की ओर से गृह प्रवास पर्यटन और भारतीय हिमालय क्षेत्र में सतत विकास संभावनाएं और चुनौतियां विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हो गया है. विवि के देवदार हॉल स्थित स्वामी विवेकानंद भवन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय रक्षा और राज्य पर्यटन मंत्री अजय भट्ट समेत विधायक सरिता आर्य ने किया. इस दौरान पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रहे विभिन्न स्थानों से पहुंचे विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार रखे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मध्य प्रदेश से आए विशेषज्ञ डॉ. अनिल टम्टा ने कहा कि पर्यटन के साथ ही प्रकृति को बचाना भी जरूरी है. वर्तमान में जिस तरह से पर्यटन के नाम पर बेतहाशा निर्माण कार्य हो रहे हैं. उससे भविष्य में खतरा हो सकता है. उन्होंने नैनीताल का उदाहरण देते हुए कहा कि नैनीताल को भी संरक्षित करने की जरूरत है. अगर इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो एक समय ऐसा जरूर आएगा, जब नैनीताल मात्र इतिहास होगा.
इसके अलावा मुख्य मंच पर अन्य वक्ताओं ने विचार रखे. उन्होंने पलायन का दंश झेल रहे पहाड़ों की बदतर स्थिति पर चिंता व्यक्त की. साथ ही कहा कि बाहरी लोगों का हस्तक्षेप अधिक होने के कारण पर्यटन की दशा एवं दिशा परिवर्तित हो रही है, इसलिए इस संबंध में मनन और चिंतन करने की आवश्यकता है.
मुख्य अतिथि केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि वाणिज्य विभाग ने प्रदेश में बेहतर पर्यटन की योजना को लेकर पहल की है. सेमिनार के माध्यम से सामने आए तथ्यों की रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समक्ष पेश की जाएगी. जिससे बेहतर पर्यटन की परिकल्पना को साकार किया जा सकेगा.
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कार्यक्रम संयोजक वाणिज्य विभाग के संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष प्रो. अतुल जोशी ने दो दिवसीय संगोष्ठी के सफल आयोजन पर विभागीय टीम को बधाई देते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं के साथ ही चुनौतियों को भी ध्यान में रखकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है.
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