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उत्तराखंड में 14 मई को लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत, लोगों को मिलेगा त्वरित न्याय

उत्तराखंड में आगामी 14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत लगेगी. जिसमें अदालतों में लंबित पड़े केसों को निस्तारण करने के साथ ही त्वरित गति से वादियों को सस्ता न्याय मिल सकेगा.

National Lok Adalat
राष्ट्रीय लोक अदालत
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Published : May 7, 2022, 9:27 PM IST

नैनीतालः आगामी 14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है. जिसे लेकर नैनीताल हाईकोर्ट परिसर के एडीआर सेंटर में आज सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई. जिसमें बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर हजारों केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

राज्य सेवा विधिक के उप सचिव सैय्यद गुफरान ने बताया विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 14 मई को देशभर में राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) आयोजित की जा रही है. जिसमें अब तक 20 हजार से ज्यादा केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं. राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबे समय से अदालतों में लंबित पड़े केसों को निस्तारण करने के साथ ही त्वरित गति से वादियों को सस्ता न्याय मिल सके.

ये भी पढ़ेंः काशीपुर तहसीलदार पूनम पंत हाईकोर्ट में हुईं पेश, माफी मांगने पर निलंबन आदेश वापस

उन्होंने बताया कि लोक अदालत में वादी को त्वरित न्याय मिलने के साथ ही सिविल कोर्ट में दी गई फीस भी वापस कर दी जाती है. साथ ही सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारित किए गए मामलों में दोनों पक्षों के मतभेद दूर होते हैं. इसके अलावा मुकदमे बाजी से छुटकारा मिल जाता है. गौर हो कि बीते साल यानी 2021 के दिसंबर महीने में देहरादून में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था. जिसमें सैकड़ों मामलों का निस्तारण किया गया.

नैनीतालः आगामी 14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है. जिसे लेकर नैनीताल हाईकोर्ट परिसर के एडीआर सेंटर में आज सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई. जिसमें बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर हजारों केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

राज्य सेवा विधिक के उप सचिव सैय्यद गुफरान ने बताया विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 14 मई को देशभर में राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) आयोजित की जा रही है. जिसमें अब तक 20 हजार से ज्यादा केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं. राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबे समय से अदालतों में लंबित पड़े केसों को निस्तारण करने के साथ ही त्वरित गति से वादियों को सस्ता न्याय मिल सके.

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उन्होंने बताया कि लोक अदालत में वादी को त्वरित न्याय मिलने के साथ ही सिविल कोर्ट में दी गई फीस भी वापस कर दी जाती है. साथ ही सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारित किए गए मामलों में दोनों पक्षों के मतभेद दूर होते हैं. इसके अलावा मुकदमे बाजी से छुटकारा मिल जाता है. गौर हो कि बीते साल यानी 2021 के दिसंबर महीने में देहरादून में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था. जिसमें सैकड़ों मामलों का निस्तारण किया गया.

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