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देश के पहले मॉस गार्डन पर दिखा कोरोना का असर, पर्यटकों के लिए किया गया बंद - Nainital's moss garden closed due to increasing cases of corona

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश के पहले काई (मॉस) गार्डन को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है.

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देश के पहले मॉस गार्डन पर दिखा कोरोना का असर
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Published : Nov 30, 2020, 8:19 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 4:12 PM IST

हल्द्वानी: देश का पहला काई (मॉस) गार्डन कोविड-19 के चलते पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के सरियाताल में बने देश के पहले इस काई (मॉस) गार्डन का शुभारंभ 20 नवंबर को जल पुरुष राजेंद्र सिंह और वन अनुसंधान केंद्र के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने किया था.

पार्क के वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि 20 नवंबर को पार्क का उद्घाटन किया जा चुका है. मगर कोविड-19 के लगातार मामलों को देखते हुए पार्क प्रशासन ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है. कोविड-19 का कहर कम होने के बाद ही इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया सूर्यधार झील का उद्घाटन

गौरतलब है कि इस गार्डन में कई प्रजाति के महत्वपूर्ण इंटरप्रिटेशन सेंटर नेचर ट्रेलर और नर्सरी बनाई गई है. करीब 10 हेक्टेयर में बनाए गए मॉस गार्डन में काई के 30 प्रजातियों की नर्सरी बनाई गई हैं. यह गार्डन देश का पहला मॉस गार्डन है.

पढ़ें- सतपाल महाराज ने औली में ओपन स्केटिंग रिंक का किया लोकार्पण

वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि पार्क को खोले जाने का अंतिम निर्णय मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी द्वारा लिया जाएगा. बता दें कि 2019 में देश के इस सबसे बड़े मॉस गार्डन को बनाने की शुरूआत हुई थी. जिसके बाद अब धीरे-धीरे विकसित किया जा रहा है. नये पौधों की उत्पत्ति में अहम रोल निभाने वाले इन मॉस में नमी पैदा करने की क्षमता होती है, तो ये मिट्टी बनाने की भी जरिया हैं. देश में 24 हजार प्रजातियों में से कई में औषधिय गुण हैं. जिसके चलते इसका उपयोग प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान घायलों के उपचार में किया गया.

हल्द्वानी: देश का पहला काई (मॉस) गार्डन कोविड-19 के चलते पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के सरियाताल में बने देश के पहले इस काई (मॉस) गार्डन का शुभारंभ 20 नवंबर को जल पुरुष राजेंद्र सिंह और वन अनुसंधान केंद्र के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने किया था.

पार्क के वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि 20 नवंबर को पार्क का उद्घाटन किया जा चुका है. मगर कोविड-19 के लगातार मामलों को देखते हुए पार्क प्रशासन ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है. कोविड-19 का कहर कम होने के बाद ही इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा.

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गौरतलब है कि इस गार्डन में कई प्रजाति के महत्वपूर्ण इंटरप्रिटेशन सेंटर नेचर ट्रेलर और नर्सरी बनाई गई है. करीब 10 हेक्टेयर में बनाए गए मॉस गार्डन में काई के 30 प्रजातियों की नर्सरी बनाई गई हैं. यह गार्डन देश का पहला मॉस गार्डन है.

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वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि पार्क को खोले जाने का अंतिम निर्णय मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी द्वारा लिया जाएगा. बता दें कि 2019 में देश के इस सबसे बड़े मॉस गार्डन को बनाने की शुरूआत हुई थी. जिसके बाद अब धीरे-धीरे विकसित किया जा रहा है. नये पौधों की उत्पत्ति में अहम रोल निभाने वाले इन मॉस में नमी पैदा करने की क्षमता होती है, तो ये मिट्टी बनाने की भी जरिया हैं. देश में 24 हजार प्रजातियों में से कई में औषधिय गुण हैं. जिसके चलते इसका उपयोग प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान घायलों के उपचार में किया गया.

Last Updated : Dec 17, 2020, 4:12 PM IST
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