हल्द्वानीः विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग को घर से बहला फुसलाकर भगाकर दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. पूरे मामले में कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता की मदद करने के भी निर्देश दिए हैं.
मामले पर शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मूल रूप से बरेली के रहने वाली 15 वर्षीय नाबालिग 25 मई 2017 को हल्द्वानी में अपने बहन के घर आई थी. जहां 29 मई 2017 को नाबालिग घर से लापता हो गई थी. जिसके बाद नाबालिग की बहन ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी.
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए बाजपुर (उधमसिंह नगर) के नरेंद्र कश्यप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जानकारी के मुताबिक नरेंद्र नाबालिग को बहला-फुसलाकर घर से भगाकर सितारगंज ले गया, जहां एक कमरे में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. इसके बाद नरेंद्र पीड़िता को मुरादाबाद ले गया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया.
ये भी पढ़ेंः महेश नेगी यौन शोषण केस: पीड़िता ने की CBI जांच की मांग, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
पूरे मामले में पुलिस ने आरोपी को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 363, 366, 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी. इस पूरे मामले में 13 गवाह और सबूतों के आधार पर पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश नंदन सिंह ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल का कठोर कारावास और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को पीड़िता को सहायता प्राप्त कराने के निर्देश दिए हैं.
महिला ने की आत्महत्या: हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र की 28 वर्षीय एक महिला ने बुधवार को पंखे से लटक कर जान दे दी. बताया जा रहा है कि मृतक की दो मासूम बेटियां हैं. मायके पक्ष ने ससुरालियों पर बेटा पैदा नहीं किए जाने पर हत्या करने का आरोप लगाया है. पूरे मामले में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.