नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में हरिद्वार की खानपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को सुरक्षा दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले को सुनवाई के लिए दूसरी बैंच के लिए रेफर कर दिया है. अब दूसरी बैंच में मामले की सुनवाई 16 जून को होगी.
मामले के अनुसार, हरिद्वार निवासी भगत सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि विधायकों को सुरक्षा के नाम पर एक सुरक्षाकर्मी दिया जाता है. इसके अलावा यदि किसी विधायक को खतरा है तो उन्हें एक अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी मुहैया करवाया जाता है. किसी विधायक को कोई सुरक्षा कवर देने से पहले एलआईयू द्वारा रिपोर्ट विभाग को दी जाती है, लेकिन उमेश कुमार के मामले में प्रक्रिया का पालन किए बिना उन्हे वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है. यही नहीं, उनके पास अपनी पर्सनल एस्कॉर्ट भी है.
याचिकाकर्ता भगत सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि स्थानीय खुफिया इकाई ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उमेश कुमार के जीवन को कोई खतरा नहीं है इसलिए उनकी वाई प्लस सुरक्षा हटाई जाए.
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बता दें कि, खानपुर विधायक उमेश कुमार को साल 2014 में केंद्र सरकार की तरफ से सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा दिया गया था. उस वक्त कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के दौरान स्टिंग ऑपरेशन मामले में उनको जान का खतरा बताते हुए यह सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. सुरक्षा के साथ वो देश में कहीं भी भ्रमण कर सकते थे. हालांकि, सुरक्षा को साल 2019 में वापस ले लिया गया. इसके बाद साल 2022 में राज्य सरकार ने उमेश कुमार को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की हुई है. हालांकि, राज्य सरकार को उमेश कुमार द्वारा ही पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी गई थी, जिसे साल 2022 में मौजूदा धामी सरकार ने दिया है.
वहीं, सुरक्षा दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर उमेश कुमार का कहना है कि अभी इस मामले में 16 जून को सुनवाई है. ऐसे में कोर्ट ही तय करेगा कि उनके पास सुरक्षा रहेगी या नहीं. उमेश कुमार ने कहा कि, यह सभी लोग जानते हैं कि उनके खिलाफ लंबे समय से प्रतिद्वंदी षड्यंत्र करते रहे हैं, इसलिए उन्होंने भी कोर्ट के सम्मुख सभी बातों को रखा है.