नैनीताल: देहरादून के एनआईवीएच में मूक-बधिर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के सामाजिक कल्याण सचिव को 3 सप्ताह के अंदर एनआईवीएच में स्थाई निदेशक की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं. वहीं कोर्ट ने सामाजिक कल्याण सचिव को 6 जनवरी से पहले आदेश का पालन न करने पर कोर्ट में पेश होकर जवाब देने के आदेश दिए.
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दरअसल, पूर्व में एनआईवीएच में मूक-बधिर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ मामले को नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्वत संज्ञान लेते हुए सरकार को संगीत टीचर को तत्काल सस्पेंड कर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. साथ ही 7 दिनों के अंदर राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में स्थाई निदेशक की नियुक्ति और NIVH में सीसीटीवी कैमरा, जनरेटर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे. वहीं कोर्ट ने पूर्व में देहरादून के एसएसपी को NIVH में दो महिला सिपाहियों की नियुक्ति करने को भी कहा था.
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने डीएम देहरादून से इस मामले में जवाब मांगा है. साथ ही दुष्कर्म मामले में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में हुई कार्रवाई के साथ उसकी विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने की बात कही.