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उत्तराखंडः मुश्किल में 200 करोड़ की शाही शादी, हाई कोर्ट ने हेलीकॉप्टर के उड़ान पर लगाई रोक

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Published : Jun 17, 2019, 10:16 AM IST

Updated : Jun 17, 2019, 8:36 PM IST

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2019-06-17 10:08:08

हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा, गुप्‍ता बंधुओं को औली में शादी का इवेंट कराने की अनुमति किसने दी, मांगा जवाब.

नैनीताल:  उत्तराखंड की बहुचर्चित 200 करोड़ की शादी मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गुप्ता बंधुओं को औली बुग्याल की सफाई के लिए 5 करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने औली में बने 8 हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के संचालन पर रोक भी लगा दी है. वहीं गुप्ता बंधुओं ने 5 करोड़ की जगह 2 करोड़ रुपए जमा करने की बात कही है.  

उत्तराखंड के औली में कल से होने होने वाली शाही शादी के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ओली में बने 8 अवैध हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या औली और आली दोनों एक ही जगह है. साथ ही औली बुग्याल है या नहीं. कोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को कल कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं और उनसे पूछा है कि औली में शादी के दौरान प्रयोग होने वाले हीटिंग सिस्टम से क्या नुकसान होगा. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की खंड पीठ ने इवेंट मैनेजर को याचिका में पक्षकार बनाया है. 

आपको बता दें कि पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने पहले भी प्रदेश के सभी बुग्यालो में किसी भी बड़े इवेंट को करने पर रोक लगाई थी और कहा था कि अगर बुग्याल में किसी प्रकार का आयोजन किया जात है तो उसके लिए उसको सरकार से अनुमति लेनी होगी.

वहीं कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि क्या कोर्ट के पूर्व का आदेश औली के मामले में लागू होगा या नहीं. जिस पर भी कल सरकार को अपना जवाब कोर्ट में पेश करना है. 
आज मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या औली में इससे पहले भी शादियां हुई हैं. क्या वहां पहले से हेलीपैड बना हुआ है. 

आपको बता दें कि चमोली निवासी अधिवक्ता रक्षित जोशी ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड के औली बुग्याल में उद्योगपति के बेटों की शादी 18 से 22 जून तक होने जा रही है जिसमें मेहमानों को लाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था की गई है और इन हेलीकॉप्टरों से पर्यावरण को खतरा होगा. साथ ही औली बुग्यालों को भी खतरा होगा. याचिकाकर्ता रक्षित जोशी का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों की अनदेखी की जा रही है, जिसमें नैनीताल हाई कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों, बुग्यालों आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधि पर प्रतिबंध लगाया था. जिससे पर्यावरण को नुकसान हो सकता है. साथ ही याचिका कर्ता का यह भी कहना है कि यदि राज्य सरकार इस प्रकार के आयोजन इन क्षेत्रों में करवाती है तो राज्य सरकार को इन कार्यों के लिए आयोजकों से भुगतान लेना चाहिए, जिससे इन क्षेत्रों में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके.

वही आज मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की खंडपीठ ने शादी करवा रहे इवेंट मैनेजर को पार्टी बनाते हुए गुप्ता बंधुओं को औली बुग्याल की साफ-सफाई और संरक्षण के लिए 5 करोड़ रुपए जमा करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद गुप्ता बंधुओं द्वारा बताया गया है कि उन्होंने करीब 30 लाख रुपए नगरपालिका में जमा करा दिए हैं. वह 5 करोड़ जमा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वह साउथ अफ्रीका निवासी हैं. इस समय शादी से पहले एक करोड़ ही जमा कर सकते हैं और बाकी एक करोड़ रुपया शादी के बाद.

वहीं मामले में सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड को कल सुबह तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं और कल सुबह मामले में एक बार फिर से सुनवाई होगी.

2019-06-17 10:08:08

हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा, गुप्‍ता बंधुओं को औली में शादी का इवेंट कराने की अनुमति किसने दी, मांगा जवाब.

नैनीताल:  उत्तराखंड की बहुचर्चित 200 करोड़ की शादी मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गुप्ता बंधुओं को औली बुग्याल की सफाई के लिए 5 करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने औली में बने 8 हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के संचालन पर रोक भी लगा दी है. वहीं गुप्ता बंधुओं ने 5 करोड़ की जगह 2 करोड़ रुपए जमा करने की बात कही है.  

उत्तराखंड के औली में कल से होने होने वाली शाही शादी के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ओली में बने 8 अवैध हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या औली और आली दोनों एक ही जगह है. साथ ही औली बुग्याल है या नहीं. कोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को कल कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं और उनसे पूछा है कि औली में शादी के दौरान प्रयोग होने वाले हीटिंग सिस्टम से क्या नुकसान होगा. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की खंड पीठ ने इवेंट मैनेजर को याचिका में पक्षकार बनाया है. 

आपको बता दें कि पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने पहले भी प्रदेश के सभी बुग्यालो में किसी भी बड़े इवेंट को करने पर रोक लगाई थी और कहा था कि अगर बुग्याल में किसी प्रकार का आयोजन किया जात है तो उसके लिए उसको सरकार से अनुमति लेनी होगी.

वहीं कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि क्या कोर्ट के पूर्व का आदेश औली के मामले में लागू होगा या नहीं. जिस पर भी कल सरकार को अपना जवाब कोर्ट में पेश करना है. 
आज मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या औली में इससे पहले भी शादियां हुई हैं. क्या वहां पहले से हेलीपैड बना हुआ है. 

आपको बता दें कि चमोली निवासी अधिवक्ता रक्षित जोशी ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड के औली बुग्याल में उद्योगपति के बेटों की शादी 18 से 22 जून तक होने जा रही है जिसमें मेहमानों को लाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था की गई है और इन हेलीकॉप्टरों से पर्यावरण को खतरा होगा. साथ ही औली बुग्यालों को भी खतरा होगा. याचिकाकर्ता रक्षित जोशी का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों की अनदेखी की जा रही है, जिसमें नैनीताल हाई कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों, बुग्यालों आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधि पर प्रतिबंध लगाया था. जिससे पर्यावरण को नुकसान हो सकता है. साथ ही याचिका कर्ता का यह भी कहना है कि यदि राज्य सरकार इस प्रकार के आयोजन इन क्षेत्रों में करवाती है तो राज्य सरकार को इन कार्यों के लिए आयोजकों से भुगतान लेना चाहिए, जिससे इन क्षेत्रों में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके.

वही आज मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की खंडपीठ ने शादी करवा रहे इवेंट मैनेजर को पार्टी बनाते हुए गुप्ता बंधुओं को औली बुग्याल की साफ-सफाई और संरक्षण के लिए 5 करोड़ रुपए जमा करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद गुप्ता बंधुओं द्वारा बताया गया है कि उन्होंने करीब 30 लाख रुपए नगरपालिका में जमा करा दिए हैं. वह 5 करोड़ जमा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वह साउथ अफ्रीका निवासी हैं. इस समय शादी से पहले एक करोड़ ही जमा कर सकते हैं और बाकी एक करोड़ रुपया शादी के बाद.

वहीं मामले में सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड को कल सुबह तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं और कल सुबह मामले में एक बार फिर से सुनवाई होगी.

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Last Updated : Jun 17, 2019, 8:36 PM IST
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