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विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के कम बिल पर हाईकोर्ट सख्त, जवाब पेश करने के दिए निर्देश - उत्तराखंड बिजली विभाग

देहरादून की आरटीआई क्लब ने नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के खिलाफ जनहित में याचिका दायर की. इस याचिका में कहा कि विद्युत विभाग में तैनात अधिकारी और कर्मचारियों से बिजली का बिल कम लिया जा रहा है. इसके बाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

बिजली के कम बिल पर हाईकोर्ट सख्त.
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Published : Nov 7, 2019, 3:06 AM IST

नैनीताल: विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से बिजली का बिल कम लेने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सचिव उत्तराखंड पावर कारपोरेशन को 1 सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश जारी किए हैं. इसके साथ ही पावर कॉरपोरेशन द्वारा कोर्ट में पेश किए गए जवाब पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है.

बिजली के कम बिल पर हाईकोर्ट सख्त.

कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पावर कारपोरेशन समेत राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे. इसके बाद बुधवार को पावर कारपोरेशन ने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया.

बता दें कि देहरादून की आरटीआई क्लब ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से 1 महीने का बिल मात्र 400 से 500 रुपये और कर्मचारियों से मात्र 100 रुपए लिया जा रहा है. वहीं, इन कर्मचारियों और अधिकारियों का बिल लाखों में आता है, जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कबाड़ के गोदाम में लगी भीषण आग, फायर बिग्रेड के छूटे पसीने

वहीं, याचिकाकर्ता ने बताया कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घरों में बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं और कुछ जगहों पर तो खराब मीटर लगे हुए हैं. साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट पेश की, जिनके घरों के मीटर खराब या लगे ही नहीं हैं.

मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन निगम को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से बिजली का बिल कम लेने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सचिव उत्तराखंड पावर कारपोरेशन को 1 सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश जारी किए हैं. इसके साथ ही पावर कॉरपोरेशन द्वारा कोर्ट में पेश किए गए जवाब पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है.

बिजली के कम बिल पर हाईकोर्ट सख्त.

कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पावर कारपोरेशन समेत राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे. इसके बाद बुधवार को पावर कारपोरेशन ने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया.

बता दें कि देहरादून की आरटीआई क्लब ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से 1 महीने का बिल मात्र 400 से 500 रुपये और कर्मचारियों से मात्र 100 रुपए लिया जा रहा है. वहीं, इन कर्मचारियों और अधिकारियों का बिल लाखों में आता है, जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है.

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वहीं, याचिकाकर्ता ने बताया कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घरों में बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं और कुछ जगहों पर तो खराब मीटर लगे हुए हैं. साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट पेश की, जिनके घरों के मीटर खराब या लगे ही नहीं हैं.

मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन निगम को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Intro:नोट- ख़बर की बाईट मेल से भेजी है

Summry

बिजली विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों का बिजली का बिल बाजार भाव से कम लेने और सरकार द्वारा बिजली का किराया बढ़ाए जाने के मामले में हाईकोर्ट सख्त।

Intro

बिजली विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से बिजली का बिल बाजार भाव से भी कम लेने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए सचिव उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन को 1 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, वहीं पावर कॉरपोरेशन द्वारा कोर्ट में पेश किए गए जवाब पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है।
पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पवार कॉरपोरेशन समेत राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे जिसके बाद आज पावर कारपोरेशन ने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया।


Body:आपको बता दें कि देहरादून की आर टी आई क्लब नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से 1 महीने का बिल मात्र 400 से 500 रुपए और कर्मचारियों से मात्र 100 रुपए ले रही है, जबकि इन कर्मचारियों और अधिकारियों का बिल लाखों में आता है जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है, लिहाजा इन लोगों से बाजार भाव के हिसाब से किराया लिया जाए।


Conclusion:वही याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घरों में बिजली के मीटर तक नहीं लगे और जहां लगे हैं वह खराब स्थिति में है, साथ ही याचिकाकर्ता ने आज कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट कोर्ट में पेश की जिसमें घर में आज तक बिजली के मीटर नहीं लगे और जहां लगे हैं वह खराब है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन निगम को जवाब पेश करने के आदेश दिए है।

बाइट- मोहम्मद मतलूब अधिवक्ता याचिकाकर्ता
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