ETV Bharat / state

मानक से अधिक संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब - नैनीताल मेडिकल कॉलेज

नैनीताल हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में 10 फीसदी से अधिक संविदा चिकित्सकों की भर्ती को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसके चलते हाईकोर्ट ने 3 सप्ताह का समय निर्धारित किया है.

संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त.
author img

By

Published : Sep 18, 2019, 10:13 AM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में मानक से अधिक संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एमसीआई और सर्विस सेलेक्शन मेडिकल बोर्ड को 3 सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछे कि यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार छात्रों की संख्या के आधार पर 10 फीसदी से अधिक संविदा चिकित्सक की नियुक्ति कैसे की गई है. इसके साथ ही नियमानुसार चयनित संविदा और नियमित डॉक्टरों के वेतन में अंतर कैसे है.

संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त.

बता दें कि डॉक्टर मोहित गोयल, डॉ. अमित शाह समेत 30 अन्य डॉक्टरों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 2015 में दून मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद नियमित चयन प्रक्रिया को मेडिकल सेलेक्शन बोर्ड द्वारा कराया गया था. इसमें उनका चयन हुआ, लेकिन बोर्ड ने उनको नियमित न करके उनको संविदा के रूप में रखा है.

ये भी पढ़ें: भीमताल में छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, कॉलेज प्रशासन में मचा हड़कंप

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वो कई सालों से एक ही मेडिकल कॉलेज में संविदा के पद पर कार्य कर रहे हैं. उनकी नियुक्ति मेडिकल सर्विस सेलेक्शन बोर्ड द्वारा की गई है, इसलिए उनको नियमित माना जाए. साथ ही नियमित डॉक्टरों के आधार पर ही वेतनमान दिया जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में मानक से अधिक संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एमसीआई और सर्विस सेलेक्शन मेडिकल बोर्ड को 3 सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछे कि यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार छात्रों की संख्या के आधार पर 10 फीसदी से अधिक संविदा चिकित्सक की नियुक्ति कैसे की गई है. इसके साथ ही नियमानुसार चयनित संविदा और नियमित डॉक्टरों के वेतन में अंतर कैसे है.

संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त.

बता दें कि डॉक्टर मोहित गोयल, डॉ. अमित शाह समेत 30 अन्य डॉक्टरों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 2015 में दून मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद नियमित चयन प्रक्रिया को मेडिकल सेलेक्शन बोर्ड द्वारा कराया गया था. इसमें उनका चयन हुआ, लेकिन बोर्ड ने उनको नियमित न करके उनको संविदा के रूप में रखा है.

ये भी पढ़ें: भीमताल में छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, कॉलेज प्रशासन में मचा हड़कंप

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वो कई सालों से एक ही मेडिकल कॉलेज में संविदा के पद पर कार्य कर रहे हैं. उनकी नियुक्ति मेडिकल सर्विस सेलेक्शन बोर्ड द्वारा की गई है, इसलिए उनको नियमित माना जाए. साथ ही नियमित डॉक्टरों के आधार पर ही वेतनमान दिया जाए.

Intro:Summry

मेडिकल कॉलेज में मानक से अधिक डॉक्टरों की नियुक्ति पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त राज्य सरकार से मांगा जवाब।

Intro

नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में मानक से अधिक संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार, एमसीआई, सर्विस सिलेक्शन मेडिकल बोर्ड को 3 सप्ताह के अंदर अपना विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।




Body:हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार छात्रों की संख्या के आधार पर 10 फ़ीसदी से अधिक संविदा चिकित्सक की नियुक्ति कैसे की गई है, साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि नियमानुसार चयनित संविदा और नियमित डॉक्टरों के वेतन में अंतर कैसे हैं।


Conclusion:आपको बता दें कि डॉक्टर मोहित गोयल, डॉ अमित शाह समेत 30 अन्य डॉक्टरों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 2015 में दून मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद नियमित चयन प्रक्रिया को मेडिकल सिलेक्शन बोर्ड द्वारा कराया गया था जिसमें उनका चयन हुआ परंतु बोर्ड द्वारा उनको नियमित ना करके उनको संविदा के रूप में रखा गया, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनकी नियुक्ति को स्थाई माना जाए क्योंकि वह कई सालों से एक ही मेडिकल कॉलेज में संविदा के पद पर कार्य कर रहे हैं उन्होंने सरकार के बांड के हिसाब से ही अन्य मेडिकल कॉलेज में काम नहीं किया, और उनकी नियुक्ति मेडिकल सर्विस सिलेक्शन बोर्ड द्वारा की गई है तो उनको नियमित माना जाए, और नियमित डॉक्टरों के आधार पर ही वेतनमान दिया जाए।
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य, सरकार सर्विस सिलेक्शन बोर्ड मेडिकल, एमसीआई को 3 सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.