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खतरे में पड़ सकती है हरबर्टपुर पालिकाध्यक्ष की कुर्सी, जानें वजह - Nainital High Court strict in Habbertpur Municipality case

हरबर्टपुर पालिकाध्यक्ष द्वारा पद दुरुपयोग मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है.

Nainital High Court strict in misuse of post by Hubertpur Municipality
खतरे में पड़ सकती है हबर्टपुर पालिकाध्यक्ष की कुर्सी
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Published : Jan 7, 2021, 9:11 PM IST

नैनीताल: पद का दुरुपयोग करने के मामले में देहरादून हरबर्टपुर नगरपालिका अध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. नैनीताल हाई कोर्ट ने पालिकाध्यक्ष द्वारा पद के दुरुपयोग करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सचिव शहरी विकास को 6 सप्ताह में अध्यक्ष का पक्ष सुन निर्णय लेने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि नगर पालिका के सभासद विपुल अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पालिकाध्यक्ष ने पद का दुरुपयोग कर अपनी जमीन पर हाट बाजार का ठेका अपने भाई सतेंद्र बिष्ट को दे दिया है. अपने बेटे की गैर पंजीकृत संस्था रामलीला कमेटी को नियम विरुद्ध तरीके से 51 हजार रुपये दे दिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि पालिकाध्यक्ष के द्वारा पद का दुरुपयोग करने के मामले पर उनके द्वारा गढ़वाल कमिश्नर से शिकायत भी की गई.

ये भी पढ़ें- ट्रैफिक पुलिस सख्त, स्टीकर और नंबर प्लेट पर रुआब दिखाने वालों पर होगा एक्शन

नवंबर 2019 में एडीएम देहरादून द्वारा की जांच में उन्हें दोषी भी पाया. जिसके बाद 2 अगस्त 2020 को शहरी विकास विभाग ने पालिकाध्यक्ष को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न आपके खिलाफ नगरपालिका एक्ट के तहत पद से हटाने की कार्रवाई शुरू की जाए? नोटिस मिलने के बाद से पालिकाध्यक्ष जवाब दाखिल करने से बचाव करते रहे. हर बार समय लेते रहे.

ये भी पढ़ें: कुंभ, कोरोना और 'हिफाजत', उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

बीते साल 2 सितंबर को पालिकाध्यक्ष से दस दिन में जवाब मांगते हुए दोबारा नोटिस भेजा गया, मगर कार्रवाई अब तक नहीं हुई. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने शहरी विकास सचिव को 6 सप्ताह के भीतर पालिकाध्यक्ष का पक्ष सुनकर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.

नैनीताल: पद का दुरुपयोग करने के मामले में देहरादून हरबर्टपुर नगरपालिका अध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. नैनीताल हाई कोर्ट ने पालिकाध्यक्ष द्वारा पद के दुरुपयोग करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सचिव शहरी विकास को 6 सप्ताह में अध्यक्ष का पक्ष सुन निर्णय लेने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि नगर पालिका के सभासद विपुल अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पालिकाध्यक्ष ने पद का दुरुपयोग कर अपनी जमीन पर हाट बाजार का ठेका अपने भाई सतेंद्र बिष्ट को दे दिया है. अपने बेटे की गैर पंजीकृत संस्था रामलीला कमेटी को नियम विरुद्ध तरीके से 51 हजार रुपये दे दिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि पालिकाध्यक्ष के द्वारा पद का दुरुपयोग करने के मामले पर उनके द्वारा गढ़वाल कमिश्नर से शिकायत भी की गई.

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नवंबर 2019 में एडीएम देहरादून द्वारा की जांच में उन्हें दोषी भी पाया. जिसके बाद 2 अगस्त 2020 को शहरी विकास विभाग ने पालिकाध्यक्ष को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न आपके खिलाफ नगरपालिका एक्ट के तहत पद से हटाने की कार्रवाई शुरू की जाए? नोटिस मिलने के बाद से पालिकाध्यक्ष जवाब दाखिल करने से बचाव करते रहे. हर बार समय लेते रहे.

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बीते साल 2 सितंबर को पालिकाध्यक्ष से दस दिन में जवाब मांगते हुए दोबारा नोटिस भेजा गया, मगर कार्रवाई अब तक नहीं हुई. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने शहरी विकास सचिव को 6 सप्ताह के भीतर पालिकाध्यक्ष का पक्ष सुनकर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.

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