नैनीताल: हाईकोर्ट से उत्तराखंड के कांग्रेस नेता नवप्रभात समेत अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों को बड़ा झटका लगा है. नैनीताल हाईकोर्ट ने साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप वाली याचिका को निस्तारित कर दिया है. न्यायाधीश लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पांच याचिकाओं को संज्ञान में लिया था. मंगलवार को हाईकोर्ट ने नवप्रभात समेत अन्य की याचिका को निस्तारित कर दिया.
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेता नवप्रभात, विक्रम सिंह नेगी, राजकुमार, अमरीश कुमार, गोदावरी थपलियाल ने भाजपा से चुनाव जीते प्रत्याशी मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, आदेश कुमार चौहान और गणेश जोशी समेत अन्य लोगों के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इन सभी याचिकाकर्ताओं का कहना था चुनाव जीतने के लिए इन सभी लोगों ने ईवीएम से छेड़छाड़ करवाई है. लिहाजा चुनाव को रद्द कर फिर से चुनाव करवाया जाए. पूर्व में चुनाव आयोग ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा था और कोर्ट को बताया था कि हारे हुए प्रत्याशियों द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और ईवीएम में किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं की गई है.
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मामला कोर्ट पहुंचने के बाद नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार समेत चुनाव आयोग को पूर्व में आदेश दिए थे कि जिन-जिन क्षेत्रों में ईवीएम से छेड़छाड़ की शिकायत मिली हैं, उन सभी ईवीएम को सरकार अपने प्रिजर्वर के पास रखे. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद आज मामले में अपना फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश लोकपाल सिंह ने नवप्रभात समेत अन्य सभी की याचिका को निराधार मानते हुये निस्तारित कर दिया. इससे नवप्रभात समेत अन्य सभी लोगों को बड़ा झटका लगा है.