नैनीताल: हल्द्वानी के गफूर बस्ती क्षेत्र में रेलवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया हैं. हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे से पूछा है कि जिस भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, उस जमीन पर किसका अधिकार है.
इसके अलावा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के पूछा है कि गफूर बस्ती क्षेत्र के कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया हैं. साथ ही अब तक अतिक्रमणकरियों पर क्या कार्रवाही की गई. इसकी विस्तृत रिपोर्ट 17 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है. साथ ही कोर्ट ने सरकार को क्षेत्र में सर्वे कर अतिक्रमण की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है.
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी नैनीताल ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. इसके अलावा 2017 में गफूर बस्ती क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई. जिस पर हाई कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ नाराजगी जताई और जिलाधिकारी नैनीताल को दोबारा से सर्वे कर रिपोर्ट 7 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि हल्द्वानी निवासी समाजसेवी रवि शंकर जोशी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि रेलवे की करीब 1 लाख 20 हजार स्क्वायर मीटर भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है और बस्ती का निर्माण कर दिया गया हैं. प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कार्रवाही नहीं कर रहा है.
हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि अतिक्रमण की वजह से रेलवे अपने कई विकास कार्य नहीं कर पा रहा है. रेलवे न तो कर्मचारियों के लिए आवासों का निर्माण कर पा रहा है और न ही रेलवे ट्रैक का विस्तार. लिहाजा इस अतिक्रमण को हटाया जाए.
मामले में सुनवाई के दौरान 2017 में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद हल्द्वानी गफूर बस्ती क्षेत्र में रहने वाले कुछ लोगों ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि जिस भूमि पर वो काबिज हैं, वो भूमि रेलवे की नहीं है. लिहाजा अतिक्रमण को ध्वस्त नहीं किया जा सकता. जिसके बाद से हाई कोर्ट में मामला विचाराधीन है और बुधवार मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.