नैनीतालः शहर में लगने वाले जाम से पर्यटकों व स्थानीय लोगों को निजात दिलाने के लिए काठगोदाम से नैनीताल तक बनने वाले 14 किलोमीटर लंबे रोप-वे निर्माण मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वे की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, ताकि रोप-वे निर्माण का रास्ता नैनीताल में साफ हो सके.
बता दें कि नैनीताल निवासी प्रोफेसर अजय रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि नैनीताल में टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और राज्य सरकार के द्वारा काठगोदाम से नैनीताल तक रोपवे का निर्माण किया जाना है और इस रोपवे के स्टैंड को हनुमानगढ़ क्षेत्र में बनाया जाएगा, जो आने वाले समय में बेहद खतरनाक साबित होगा क्योंकि हनुमानगढ़ क्षेत्र में कोई भी भारी निर्माण नहीं किया जा सकता है क्योंकि हनुमानगढ़ क्षेत्र बलिया नाला और निहाल नाले के मध्य स्थित है. इन दोनों नालों में लंबे समय से भूस्खलन हो रहा है, जिस वजह से आने वाले समय में क्षेत्र को बड़ा खतरा उत्पन्न होगा. लिहाजा, इस काम पर रोक लगाई जाए. साथ ही याचिकाकर्ता अजय रावत का कहना है कि भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर यह क्षेत्र अतिसंवेदनशील है, जिस वजह से नैनीताल के अस्तित्व पर खतरा बना रहेगा.
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वहीं, मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, उत्तराखंड पर्यटन बोर्ड को 4 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे. वहीं, बुधवार को दोनों विभागों के द्वारा अपना जवाब कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को उनके द्वारा की गई क्षेत्र में अध्ययन की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, ताकि क्षेत्र में रोपवे में निर्माण पर फैसला लिया जा सके.