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नमामि गंगे परियोजना में घोटाला, नैनीताल HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

नमामि गंगे परियोजना (scam in namami gange project) में घोटाले को आरोप लगातार गुड़गांव निवासी मुकेश कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में जनहित याचिका दायर की है, जिस पर मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई.

nainital high court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Jul 27, 2021, 8:09 PM IST

नैनीताल: नमामि गंगे परियोजना (scam in namami gange project) में हुए घोटाले (scam) को नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया हैं.

गुड़गांव निवासी मुकेश कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट ने कहा था कि एमडी पेयजल निगम भजन सिंह ने नमामि गंगे योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है. इसलिए उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने सीबीआई से जांच की मांग भी की थी.

पढ़ें- HC में लक्सर के नियामतपुर गांव को अलग करने पर सुनवाई, पंचायती निदेशक को प्रत्यावेदन देने का आदेश

याचिकाकर्ता का कहना है कि पूर्व पेयजल मंत्री दिवंगत प्रकाश पंत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी जांच करने को कहा था. लेकिन अभीतक मामले को कोई जांच नहीं की गई. एमडी पेयजल पर आरोप है कि उन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से अपने चेहतों को टेंडर आवंटित कर दिए है. इसके सरकार को राजस्व की हानि हुई है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से विस्तृत रूप से जवाब मांगा है. अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की गई है.

नैनीताल: नमामि गंगे परियोजना (scam in namami gange project) में हुए घोटाले (scam) को नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया हैं.

गुड़गांव निवासी मुकेश कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट ने कहा था कि एमडी पेयजल निगम भजन सिंह ने नमामि गंगे योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है. इसलिए उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने सीबीआई से जांच की मांग भी की थी.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि पूर्व पेयजल मंत्री दिवंगत प्रकाश पंत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी जांच करने को कहा था. लेकिन अभीतक मामले को कोई जांच नहीं की गई. एमडी पेयजल पर आरोप है कि उन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से अपने चेहतों को टेंडर आवंटित कर दिए है. इसके सरकार को राजस्व की हानि हुई है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से विस्तृत रूप से जवाब मांगा है. अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की गई है.

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