नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court orders) ने उधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता में डियोटी गांव में सरकार की 0.404 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा करके खेती किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई (occupation of government land in Nanakmatta) की. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने जिला अधिकारी उधमसिंह नगर को निर्देश दिए हैं कि वे इस जगह का स्थलीय निरीक्षण करें. अगर शिकायत सही पाई जाती है तो अतिक्रमणकारियों से रिकवरी भी करें.
डियोटी गांव के रहने वाले मोहम्मद आशिक ने इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि ग्राम सभा डियोटी में सरकार की 0.822 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेखों में बंजर भूमि के नाम से दर्ज है. इस भूमि के 0.404 हेक्टेयर पर गांव के ही कल्लनखां, शकीलउद्दीन, शाहबुद्दीन और मोहसिन ने साल 2019 से कब्जा कर रखा है और वे इस भूमि पर खेती कर रहे हैं. ये लोग ग्राम प्रधान के सगे सबंधी हैं. याचिकाकर्ता के मुताबिक शिकायत करने पर कई बार इनकी फसल जब्त की गई. परन्तु अधिकारियों की मिलीभगत के कारण आज तक सरकारी खजाने में फसल जमा नहीं हुई. 25 जून 2020 को राजस्व उपनिरीक्षक ने तहसीलदार नानकमत्ता को पत्र भेजकर कहा था कि इस मामले की जांच हेतु एक कमेटी गठित करें और स्थलीय निरीक्षण करें और सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाएं.
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30 जून 2020 को कमेटी ने इस भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया. सरकारी भूमि पर इन अतिक्रमणकारियों का कब्जा पाया गया. जब इनसे पूछा गया तो इन्होंने कमेटी को बताया कि इस भूमि से लगी हुई उनकी भी भूमि है और गलती से मजदूरों ने इस भूमि पर भी फसल की बुआई कर दी थी. उसके बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए गए. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया जाए. 2019 से अब तक की रिकवरी की जाये और इनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाये.
एक और जनहित याचिका पर हुई सुनवाई: वहीं, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने टिहरी जिले की नगर पंचायत लम्बगांव की ग्राम पंचायत जाखड़ी व ग्राम पंचायत भेलुंता क्षेत्र में ट्रंचिंग ग्राउंड बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर भी सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल को आदेश दिए हैं कि इस मामले में एक कमेटी गठित करें और ट्रंचिंग ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण करें. साथ ही कमेटी ये भी निर्णय ले कि निर्माणाधीन ट्रंचिंग ग्राउंड मानकों को पूरा करता है या नहीं.
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मामले के अनुसार ग्राम भेलुंता निवासी दिनेश चंद्र जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नगर पंचायत लम्बगांव और पीडब्ल्यूडी ने एक करोड़ की लागत से 5 नाली भूमि पर ग्राम पंचायत भेलुंता व ग्राम पंचायत जाखड़ी के 100 मीटर की दूरी पर ट्रंचिंग ग्राउंड का निर्माण किया जा रहा है. इस निर्माण कार्य को रोकने के लिए ग्रामीणों ने जिला अधिकारी टिहरी को 13 अगस्त 2021 व 28 दिसम्बर 2021 को ज्ञापन भी दिया था. जिस पर जिला अधिकारी ने कोई निर्णय नहीं लिया.
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि ट्रंचिंग ग्राउंड बनने से प्रतापनगर की पेयजल लाइन, स्कूल, मंदिर और प्राकृतिक जल स्रोत प्रदूषित होंगे. ट्रंचिंग ग्राउंड आबादी क्षेत्र से 100 मीटर की दूरी पर बनाया जा रहा है, जो पीसीबी के मानकों को पूरा नहीं करता है. इसके बनने से इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कभी भी महामारी फैल सकती है. इसलिए इसके निर्माण पर रोक लगाई जाए.