नैनीताल: प्रदेश में बिजली की बढ़ी हुई दरों और बिजली विभाग के कर्मियों को मुफ्त में बिजली देने के मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की. जिसमें कोर्ट ने यूपीसीएल के एमडी से 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने ऊर्जा निगम सचिव को भी एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिया है.
बता दें कि देहरादून की आरटीआई क्लब ने मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने बताया है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से एक महीने का 500 और कर्मचारियों से 100 रुपये विद्युत का बिल ले रही है. जबकि इन कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा एक माह में लाखों की विद्युत उपयोग में ली जा रही है. जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है. लिहाजा इन सभी लोगों से बाजार भाव के हिसाब से किराया लिया जाना चाहिए.
वहीं मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यूपीसीएल के एमडी से 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. साथ ही ऊर्जा निगम सचिव को भी एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिया है.
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अधिवक्ता याचिकाकर्ता मोहम्मद मतलूब ने बाताया कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घरों में बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं. जिसके साक्ष्य के तौर पर उन्होंने कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट पेश की है.