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नैनीताल: बिजली की बढ़ी हुई दरों पर HC ने यूपीसीएल एमडी को पेश होने का दिया आदेश

प्रदेश में बिजली की बढ़ी हुई दरों और बिजली विभाग के कर्मियों को मुफ्त में बिजली देने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 2 दिसंबर को यूपीसीएल एमडी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

बिजली की बढ़ी हुई दरों पर HC की सुनवाई.
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Published : Nov 25, 2019, 4:59 PM IST

नैनीताल: प्रदेश में बिजली की बढ़ी हुई दरों और बिजली विभाग के कर्मियों को मुफ्त में बिजली देने के मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की. जिसमें कोर्ट ने यूपीसीएल के एमडी से 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने ऊर्जा निगम सचिव को भी एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता मोहम्मद मतलूब.

बता दें कि देहरादून की आरटीआई क्लब ने मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने बताया है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से एक महीने का 500 और कर्मचारियों से 100 रुपये विद्युत का बिल ले रही है. जबकि इन कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा एक माह में लाखों की विद्युत उपयोग में ली जा रही है. जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है. लिहाजा इन सभी लोगों से बाजार भाव के हिसाब से किराया लिया जाना चाहिए.

वहीं मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यूपीसीएल के एमडी से 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. साथ ही ऊर्जा निगम सचिव को भी एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिया है.

ये भी पढ़े: इंटरनेशनल चैंपियनशिप में हुआ मजदूर की बेटी का चयन, थाईलैंड जाने के लिए सरकार से मदद की आस

अधिवक्ता याचिकाकर्ता मोहम्मद मतलूब ने बाताया कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घरों में बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं. जिसके साक्ष्य के तौर पर उन्होंने कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट पेश की है.

नैनीताल: प्रदेश में बिजली की बढ़ी हुई दरों और बिजली विभाग के कर्मियों को मुफ्त में बिजली देने के मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की. जिसमें कोर्ट ने यूपीसीएल के एमडी से 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने ऊर्जा निगम सचिव को भी एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता मोहम्मद मतलूब.

बता दें कि देहरादून की आरटीआई क्लब ने मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने बताया है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से एक महीने का 500 और कर्मचारियों से 100 रुपये विद्युत का बिल ले रही है. जबकि इन कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा एक माह में लाखों की विद्युत उपयोग में ली जा रही है. जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है. लिहाजा इन सभी लोगों से बाजार भाव के हिसाब से किराया लिया जाना चाहिए.

वहीं मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यूपीसीएल के एमडी से 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. साथ ही ऊर्जा निगम सचिव को भी एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिया है.

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अधिवक्ता याचिकाकर्ता मोहम्मद मतलूब ने बाताया कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घरों में बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं. जिसके साक्ष्य के तौर पर उन्होंने कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट पेश की है.

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हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने के मामले पर हाईकोर्ट ने एमडी यूपीसीएल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के लिए आदेश।

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प्रदेश में बिजली की दरों को बढ़ाने और बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को फ्री में बिजली देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एमडी यूपीसीएल द्वारा कोर्ट में जवाब पेश ना करने के मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एमडी यूपीसीएल को 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं,, वहीं कोर्ट ने सचिव ऊर्जा निगम को भी 1 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, आज मामले की सुनवाई के दौरान पिटकुल और सिडकुल के द्वारा विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश किया गया है।
अब मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।


Body:आपको बता दें कि देहरादून की आर टी आई क्लब नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से 1 महीने का बिल मात्र 400 से ₹500 और कर्मचारियों से मात्र ₹100 ले रही है, जबकि इन कर्मचारियों और अधिकारियों का बिल लाखों में आता है जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है, लिहाजा इन लोगों से बाजार भाव के हिसाब से किराया लिया जाए।


Conclusion:वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घरों में बिजली के मीटर तक नहीं लगे और जहां लगे हैं वह खराब स्थिति में है, याचिकाकर्ता ने कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट कोर्ट में पेश की जिसमें घर में आज तक बिजली के मीटर नहीं लगे और जहां लगे हैं वह खराब है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एमडी यूपीसीएल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं वहीं सचिव ऊर्जा निगम को भी 1 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाइट- मोहम्मद मतलूब अधिवक्ता याचिकाकर्ता
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