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उत्तराखंड: शराब कारोबारियों के नुकसान का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, मुख्य सचिव को दिए गये आदेश - नैनीताल हाई कोर्ट

नैनीताल हाई कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी अध्यक्षता में कमेटी गठित करे और शराब की दुकानों को हो रहे नुकसान और दुकानों को खोलने को लेकर 4 सप्ताह में निर्णय लें.

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Published : May 14, 2020, 11:55 PM IST

Updated : May 24, 2020, 3:03 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड में शराब की दुकानों को लॉकडाउन की वजह से हो रहे नुकसान का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी अध्यक्षता में कमेटी गठित करे और शराब की दुकानों को हो रहे नुकसान और दुकानों को खोलने को लेकर 4 सप्ताह में निर्णय लें.

बता दें कि उत्तरकाशी निवाशी शराब कारोबारी सौरभ राणा व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 19 मार्च 2020 को उनके नाम शराब की दुकान आवंटित हुई थी. तब शराब की दुकान खोलने का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक था. इसी समय के मुताबिक, शराब की दुकान के टैक्स, लाइसेंस, फीस आदि निर्धारित है.

लेकिन लॉकडाउन घोषित होने के कारण अप्रैल माह में शराब की दुकान नहीं खुल सकी, जबकि सरकार के द्वारा मई माह में शराब की दुकान खोलने का वक्त सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे और फिर सुबह 7 बजे से सायं 4 बजे तक किया गया. लेकिन लॉक डाउन के कारण शराब की बिक्री न होने से उन्हें भारी राजस्व का नुकसान हुआ है. इसलिए उनके लाइसेंस फीस व अन्य करो में छूट दी जाए.

पढ़े: उत्तराखंड: एक ही दिन में 6 कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप, प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 78

मामले में सुनवाई करने के बाद नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं से जिला आबकारी अधिकारी के समक्ष आबकारी नीति 2020 के सेक्शन 35 के अंतर्गत प्रत्यावेदन देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जिला आबकारी अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस प्रत्यावेदन को शासन को भेजे और मुख्य सचिव अपनी अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर 4 सप्ताह के भीतर निर्णय लें.

नैनीताल: उत्तराखंड में शराब की दुकानों को लॉकडाउन की वजह से हो रहे नुकसान का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी अध्यक्षता में कमेटी गठित करे और शराब की दुकानों को हो रहे नुकसान और दुकानों को खोलने को लेकर 4 सप्ताह में निर्णय लें.

बता दें कि उत्तरकाशी निवाशी शराब कारोबारी सौरभ राणा व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 19 मार्च 2020 को उनके नाम शराब की दुकान आवंटित हुई थी. तब शराब की दुकान खोलने का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक था. इसी समय के मुताबिक, शराब की दुकान के टैक्स, लाइसेंस, फीस आदि निर्धारित है.

लेकिन लॉकडाउन घोषित होने के कारण अप्रैल माह में शराब की दुकान नहीं खुल सकी, जबकि सरकार के द्वारा मई माह में शराब की दुकान खोलने का वक्त सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे और फिर सुबह 7 बजे से सायं 4 बजे तक किया गया. लेकिन लॉक डाउन के कारण शराब की बिक्री न होने से उन्हें भारी राजस्व का नुकसान हुआ है. इसलिए उनके लाइसेंस फीस व अन्य करो में छूट दी जाए.

पढ़े: उत्तराखंड: एक ही दिन में 6 कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप, प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 78

मामले में सुनवाई करने के बाद नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं से जिला आबकारी अधिकारी के समक्ष आबकारी नीति 2020 के सेक्शन 35 के अंतर्गत प्रत्यावेदन देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जिला आबकारी अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस प्रत्यावेदन को शासन को भेजे और मुख्य सचिव अपनी अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर 4 सप्ताह के भीतर निर्णय लें.

Last Updated : May 24, 2020, 3:03 PM IST
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