नैनीताल: उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के निधन के अगले दिन से उनकी आश्रित पत्नी को 'स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित पारिवारिक पेंशन' का लाभ देना होगा. यह निर्देश नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान दिए हैं. कोर्ट ने केंद्र सरकार के पेंशन विभाग को याचिकाकर्ता को उनके पति की निधन के अगले दिन से ही सारी पेंशन का भुगतान 6 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से देने को कहा है. इस मामले की सुनवाई आज न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई.
दरअसल, चमोली जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बख्तावर सिंह की पत्नी रुक्मणी देवी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने बताया है कि उनके पति को साल 1972 से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पेंशन मिलती थी. जिसके तहत केंद्र सरकार की ओर 26 हजार और राज्य सरकार से 21 हजार रुपए दी जा रही थी. इसी बीच 1 मई 2021 को उनके पति का निधन हो गया.
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उनके निधन के अगले दिन से ही राज्य सरकार की पेंशन उन्हें मिली, लेकिन केंद्र सरकार की पेंशन नहीं मिली. दिसंबर 2021 में उन्होंने इस मामले केंद्रीय पेंशन विभाग को प्रत्यावेदन दिया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें पेंशन नहीं दी गई. याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि रुक्मणी देवी की पेंशन स्वीकृत कर दी गई है, जो उनकी ओर से दिए गए प्रत्यावेदन की तिथि से लागू है.
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से इस तथ्य को अवैधानिक बताते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की निधन के अगले दिन से पेंशन दिए जाने की नियमावली कोर्ट को दी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय पेंशन विभाग को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बख्तावर सिंह के निधन के अगले दिन से उनकी पत्नी को पूरा पेंशन का भुगतान 6 फीसदी ब्याज समेत करने के निर्देश दिए.