नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य न्यायधीशों ने हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के आग्रह पर नैनीताल के समीप चारखेत में पौधरोपण किया. पौधरोपण के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उत्तराखंड के हर पहाड़ वनों से घिरे हुए हैं. भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इनपर भी भू माफ़ियाओं की नजर टिकी हुई है. उत्तराखंड के हरेला त्यौहार से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं. यहां के पूर्वज पहले से इस त्यौहार को हरीवाली के रूप में मनाते थे. मुख्य न्यायाधीश ने उपस्थित डीएफओ से कहा कि हर साल इस मौके पर पौधरोपण किया जाये.
न्यायाधीशों ने लगाए 150 पौधे: इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने पौधारोपण किया. पौधरोपण के इस कार्यक्रम में जामुन, पीपल, ओंगा, बमवार, पदम उर्फ 'पय्यां', गरुड़, गुईया, जिको, पुतली, हिमालय कोल्ट्री, कागीस, तिमूर, बेड़ू, हिंसालू, किलमोड़ा, बड़, देवदार, कवरौल, अंगु, बांज और तेजपत्ता समेत कुल 150 पौधे लगाए गए.
पौधरोपण में हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अनुज कुमार संघल, सीएससी चंद्रशेखर रावत, हाइकोर्ट बार अध्यक्ष डीसीएसरावत, महासचिव सौरभ अधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता डीके शर्मा, एमसी कांडपाल, गवेट परिहार, बीएस रावत, दीप जोशी, शीतल, गुरबाणी, शुखवाणी, श्रुति समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे. वन विभाग की तरफ से एसडीओ राजकुमार, आरओ विनोद तिवारी और नितिन पंत के साथ फॉरेस्ट स्टाफ ने कार्यक्रम को सफल बनाने में जिम्मेदारी निभाई.
हरेला से प्रभावित हैं मुख्य न्यायाधीश: मुख्य न्यायाधीश ने डीएफओ चंद्रशेखर जोशी से हरेला और पौधारोपण की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में पर्यावरण को स्वच्छ रखने का त्यौहार हरेला बहुत लाभदायक है. इसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी मनाना चाहिए, ताकि प्रदेश का पर्यावरण और सुंदरता निखार कर आए.
ये भी पढ़ें: हरेला पर CM धामी की पत्नी ने किया पौधरोपण, विधायकों की पत्नियों को भेंट किए पौधे