नैनीतालः कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करना महंगा पड़ गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ नोटिस जारी किया है. साथ ही 3 हफ्ते के भीतर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.
बता दें कि, देहरादून निवासी उमेश कुमार शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सतपाल महाराज के घर पर डीएम देहरादून और सीएमओ ने नोटिस चस्पा कर 20 मई से 3 जून तक क्वारंटाइन रहने का निर्देश दिया था. लेकिन कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने नोटिस की धज्जियां उड़ाते हुए कैबिनेट की दो बैठकों में भाग लिया था.
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याचिकाकर्ता का कहना है कैबिनेट मंत्री ने क्वारंटाइन होने की जानकारी कैबिनेट से छिपाई. जिसकी वजह से कैबिनेट के अन्य सदस्यों को क्वारंटाइन होना पड़ा है. जब आम आदमी के खिलाफ क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करने पर सरकार की तरफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. तो सतपाल महाराज के खिलाफ अभी तक सरकार क्वारंटाइन नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है.
सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब आम लोगों के खिलाफ क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने पर मुकदमा दर्ज हो रहा है, तो संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है.