ETV Bharat / state

हाई कोर्ट ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल व विधायक करन माहरा को जारी किया नोटिस

रानीखेत में मॉडल चकबंदी गांव बनाने और राज्य में स्वैच्छिक चकबंदी के प्रावधान को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल व विधायक करन माहरा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

nainital-high-court
नैनीताल हाई कोर्ट
author img

By

Published : Dec 22, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 2:12 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड में चकबंदी एक्ट लागू करने के मामले पर हाई कोर्ट ने प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल और रानीखेत के विधायक करण मेहरा को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने कृषि मंत्री से पूछा है कि स्वैच्छिक चकबंदी नियमावली लागू करने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? साथ ही कोर्ट ने रानीखेत के विधायक करन माहरा से भी मामले में जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि रानीखेत निवासी केवलानंद तिवारी ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने गांव को मॉडल चकबंदी गांव बनाने और राज्य में स्वैच्छिक चकबंदी के प्रावधान को तत्काल लागू करने को लेकर मांग की थी.

जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता.

पढ़ें- सिद्धबली स्टोन क्रशर को लगा झटका, हाईकोर्ट ने दिया बंद रखने का आदेश

याचिकाकर्ता का कहना है कि गांव में 90 फीसदी काश्तकारों ने खेतों की जानकारी एकत्र कर स्वैच्छिक चकबंदी का निर्णय लिया. इसके बाद साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने गांव का निरीक्षण किया. मगर उसके बाद से सरकार ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. यहां तक कि काश्तकारों ने आपस में भूमि के चक भी बना दिए. बावजूद इसके सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य में खेती की भूमि फैली हुई है. राजस्व के साथ सिविल भूमि, वर्ग 4 और वर्ग 5 की भूमि है. जिससे भूमि के खातों की जानकारी बेहद चुनौतीपूर्ण है. उत्तर प्रदेश के दौर में भी पहाड़ों की जमीनों की पैमाइश चकबंदी को लेकर हुई, बावजूद उसके चकबंदी को लेकर कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है.

मामले में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल समेत विधायक रानीखेत करन माहरा को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड में चकबंदी एक्ट लागू करने के मामले पर हाई कोर्ट ने प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल और रानीखेत के विधायक करण मेहरा को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने कृषि मंत्री से पूछा है कि स्वैच्छिक चकबंदी नियमावली लागू करने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? साथ ही कोर्ट ने रानीखेत के विधायक करन माहरा से भी मामले में जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि रानीखेत निवासी केवलानंद तिवारी ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने गांव को मॉडल चकबंदी गांव बनाने और राज्य में स्वैच्छिक चकबंदी के प्रावधान को तत्काल लागू करने को लेकर मांग की थी.

जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता.

पढ़ें- सिद्धबली स्टोन क्रशर को लगा झटका, हाईकोर्ट ने दिया बंद रखने का आदेश

याचिकाकर्ता का कहना है कि गांव में 90 फीसदी काश्तकारों ने खेतों की जानकारी एकत्र कर स्वैच्छिक चकबंदी का निर्णय लिया. इसके बाद साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने गांव का निरीक्षण किया. मगर उसके बाद से सरकार ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. यहां तक कि काश्तकारों ने आपस में भूमि के चक भी बना दिए. बावजूद इसके सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य में खेती की भूमि फैली हुई है. राजस्व के साथ सिविल भूमि, वर्ग 4 और वर्ग 5 की भूमि है. जिससे भूमि के खातों की जानकारी बेहद चुनौतीपूर्ण है. उत्तर प्रदेश के दौर में भी पहाड़ों की जमीनों की पैमाइश चकबंदी को लेकर हुई, बावजूद उसके चकबंदी को लेकर कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है.

मामले में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल समेत विधायक रानीखेत करन माहरा को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Last Updated : Jan 16, 2021, 2:12 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.