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नैनीताल HC में फॉरेस्टर लिखित परीक्षा मामले की सुनवाई, UKSSSC को याचिका पर पुनर्विचार का दिया आदेश

UKSSSC के फैसले को कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि आयोग की ओर 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक फारेस्टर पद के लिये परीक्षा का आयोजित की गयी थी. जिसमें 1800 प्रश्नों में से आयोग ने 332 प्रश्नों को हटा दिया. इससे अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है.

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नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Mar 4, 2022, 11:00 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फॉरेस्टर पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में 332 प्रश्न हटाये जाने के मामले की सुनवाई आज शुक्रवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई. ऐसे में कोर्ट के अब इस मामले में उत्तराखंड सर्बोडनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड (UKSSSC) को याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर आठ हफ्ते के भीतर पुनर्विचार करने को कहा है.

रमेश पंवार समेत 10 लोगों की ओर से UKSSSC के फैसले को कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि आयोग की ओर 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक फारेस्टर पद के लिये परीक्षा का आयोजित की गयी थी. जिसमें 1800 प्रश्नों में से आयोग ने 332 प्रश्नों को हटा दिया. इससे अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है.

पढ़ें- मनमोहन लांबा बने उत्तराखंड बार काउंसिल के नए चेयरमैन, राव मुस्तैद अली चुने गए वाइस चेयरमैन

वहीं, आयोग ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में मानकों का सख्ती से पालन किया गया है. हटाये गये प्रश्नों के बदले सभी परीक्षार्थियों को समान अंक प्रदान किये गये हैं. ऐसे में अब कोर्ट इस मामले में UKSSSC को याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर आठ हफ्ते के भीतर पुनर्विचार करने को कहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फॉरेस्टर पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में 332 प्रश्न हटाये जाने के मामले की सुनवाई आज शुक्रवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई. ऐसे में कोर्ट के अब इस मामले में उत्तराखंड सर्बोडनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड (UKSSSC) को याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर आठ हफ्ते के भीतर पुनर्विचार करने को कहा है.

रमेश पंवार समेत 10 लोगों की ओर से UKSSSC के फैसले को कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि आयोग की ओर 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक फारेस्टर पद के लिये परीक्षा का आयोजित की गयी थी. जिसमें 1800 प्रश्नों में से आयोग ने 332 प्रश्नों को हटा दिया. इससे अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है.

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वहीं, आयोग ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में मानकों का सख्ती से पालन किया गया है. हटाये गये प्रश्नों के बदले सभी परीक्षार्थियों को समान अंक प्रदान किये गये हैं. ऐसे में अब कोर्ट इस मामले में UKSSSC को याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर आठ हफ्ते के भीतर पुनर्विचार करने को कहा है.

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