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शक्तिमान मौत मामले में HC में सुनवाई, याचिकाकर्ता को केस की पत्रावली नहीं देने पर सरकार से जवाब तलब - गणेश जोशी ने शक्तिमान घोड़े की टांग तोड़ी

नैनीताल हाईकोर्ट ने शक्तिमान घोड़े की मौत मामले में याचिकाकर्ता को केस की पत्रावली नहीं देने पर सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही 28 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है.

shaktiman horse death case
शक्तिमान घोड़े की मौत
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Published : Jan 6, 2022, 5:52 PM IST

Updated : Jan 6, 2022, 5:57 PM IST

नैनीतालः बहुचर्चित शक्तिमान घोड़े की मौत मामले में एक बार फिर से नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज हाईकोर्ट ने मामले में सीजेएम कोर्ट देहरादून से बरी हुए पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और केस की समस्त पत्रावली याचिकाकर्ता को दिलाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ ने सरकार से 28 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी 2022 को होगी.

बता दें कि होशियार सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 14 मार्च 2016 को विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी का धरना था. पुलिस ने इन लोगों को रिस्पना पर रोक लिया था. उस समय मौके पर घुड़सवार पुलिस भी मौजूद थी. झड़प के दौरान पुलिस का शक्तिमान घोड़े की टांग टूट गई.

ये भी पढ़ेंः 'शक्तिमान' मौत मामले में मंत्री गणेश जोशी को बड़ी राहत, CJM कोर्ट ने किया बरी

जांच करने पर पुलिस ने बलुआ करने के आरोप में गणेश जोशी, प्रमोद बोरा, जोगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गौर और राहुल रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. बाद में पुलिस ने इन पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस दौरान सरकार ने केस वापस लेने के लिए कोर्ट में दो बार प्रार्थना पत्र दिया. लेकिन कोर्ट ने केस वापस नहीं लेने दिया. कुछ समय बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

बीती 23 सितंबर 2021 को सीजेएम कोर्ट देहरादून ने इन पांचों अभियुक्तों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने पशु क्रूरता की है. निचली अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी किया है. जबकि, उनके खिलाफ कई सबूत हैं, पुलिस की वीडियोग्राफी भी की है. जिसे अनदेखा किया गया. इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए उन्हें सीजेएम कोर्ट देहरादून से केस की समस्त पत्रावली दिलाई जाए.

ये भी पढ़ेंः 'शक्तिमान' मौत केस: वो 3 बातें जिनकी वजह से बरी हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी

नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से पहले उन्होंने पत्रावली देने के लिए सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन उन्हें कह कहकर मना कर दिया कि वे इस केस में पक्षकार नहीं है. याचिका में राज्य सरकार, डिस्ट्रिक्ट/सेशन जज देहरादून, गणेश जोशी, प्रमोद बोरा, जोगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गौर और राहुल रावत को पक्षकार बनाया गया है.

नैनीतालः बहुचर्चित शक्तिमान घोड़े की मौत मामले में एक बार फिर से नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज हाईकोर्ट ने मामले में सीजेएम कोर्ट देहरादून से बरी हुए पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और केस की समस्त पत्रावली याचिकाकर्ता को दिलाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ ने सरकार से 28 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी 2022 को होगी.

बता दें कि होशियार सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 14 मार्च 2016 को विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी का धरना था. पुलिस ने इन लोगों को रिस्पना पर रोक लिया था. उस समय मौके पर घुड़सवार पुलिस भी मौजूद थी. झड़प के दौरान पुलिस का शक्तिमान घोड़े की टांग टूट गई.

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जांच करने पर पुलिस ने बलुआ करने के आरोप में गणेश जोशी, प्रमोद बोरा, जोगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गौर और राहुल रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. बाद में पुलिस ने इन पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस दौरान सरकार ने केस वापस लेने के लिए कोर्ट में दो बार प्रार्थना पत्र दिया. लेकिन कोर्ट ने केस वापस नहीं लेने दिया. कुछ समय बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

बीती 23 सितंबर 2021 को सीजेएम कोर्ट देहरादून ने इन पांचों अभियुक्तों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने पशु क्रूरता की है. निचली अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी किया है. जबकि, उनके खिलाफ कई सबूत हैं, पुलिस की वीडियोग्राफी भी की है. जिसे अनदेखा किया गया. इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए उन्हें सीजेएम कोर्ट देहरादून से केस की समस्त पत्रावली दिलाई जाए.

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नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से पहले उन्होंने पत्रावली देने के लिए सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन उन्हें कह कहकर मना कर दिया कि वे इस केस में पक्षकार नहीं है. याचिका में राज्य सरकार, डिस्ट्रिक्ट/सेशन जज देहरादून, गणेश जोशी, प्रमोद बोरा, जोगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गौर और राहुल रावत को पक्षकार बनाया गया है.

Last Updated : Jan 6, 2022, 5:57 PM IST
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