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रिस्पना-बिंदाल नदी क्षेत्र में अतिक्रमण पर HC सख्त, केंद्र और राज्य सरकार से 3 हफ्ते में मांगा जवाब

रिस्पना और बिंदाल नदी में हुए अतिक्रमण मामले को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट सख्त. केंद्र और राज्य सरकार से 3 हफ्ते में मांगा जवाब, MDDA और DM को भी जवाब पेश करने के आदेश.

नैनीताल हाई कोर्ट.
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Published : May 15, 2019, 9:59 AM IST

Updated : May 15, 2019, 12:55 PM IST

नैनीताल: देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदी में हुए अतिक्रमण का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. हाई कोर्ट ने अतिक्रमण के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण और डीएम देहरादून को तीन हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, इस मामले को लेकर देहरादून निवासी नवनिर्वाचित राजपुर क्षेत्र की पार्षद उर्मिला थापा ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि लोगों ने रिस्पना और बिंदल नदी के किनारे अतिक्रमण कर रखा है. साथ ही नदी में बने चाल-खाल पर भी अतिक्रमण हो रखा है, जिससे आने वाले समय मे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

जानकारी देते अधिवक्ता.

पढ़ें- भीख मांगने वाले बच्चों का बदलेगा जीवन, पुलिस कर रही पहचान

इसके अलावा याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि लोगों ने नदी के आस-पास से हजारों हरे पेड़ों को काट दिया है. याचिका में कहा गया है कि अगर इसी तरह अतिक्रमण होता रहा तो केदारनाथ जैसी स्थित देहरादून में भी पैदा हो जाएगी. इसलिए अतिक्रमण को हटाने के साथ ही बेतहाशा हो रहे पेड़ों की कटान पर रोक लगाई जानी चाहिए. मामले की सुनवाई मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारयण सिंह धनिक की खंडपीठ ने की थी.

नैनीताल: देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदी में हुए अतिक्रमण का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. हाई कोर्ट ने अतिक्रमण के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण और डीएम देहरादून को तीन हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, इस मामले को लेकर देहरादून निवासी नवनिर्वाचित राजपुर क्षेत्र की पार्षद उर्मिला थापा ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि लोगों ने रिस्पना और बिंदल नदी के किनारे अतिक्रमण कर रखा है. साथ ही नदी में बने चाल-खाल पर भी अतिक्रमण हो रखा है, जिससे आने वाले समय मे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

जानकारी देते अधिवक्ता.

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इसके अलावा याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि लोगों ने नदी के आस-पास से हजारों हरे पेड़ों को काट दिया है. याचिका में कहा गया है कि अगर इसी तरह अतिक्रमण होता रहा तो केदारनाथ जैसी स्थित देहरादून में भी पैदा हो जाएगी. इसलिए अतिक्रमण को हटाने के साथ ही बेतहाशा हो रहे पेड़ों की कटान पर रोक लगाई जानी चाहिए. मामले की सुनवाई मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारयण सिंह धनिक की खंडपीठ ने की थी.

Intro:स्लग- जवाब केंद्र और राज्य सरकार

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- देहरादून की रिस्पना नदी और बिंदाल नदी में हुए अतिक्रमण का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है नैनीताल हाईकोर्ट ने अतिक्रमण के मामले पर सख्त अपनाते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण, डीएम देहरादून को 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।




Body:आपको बता दें कि देहरादून निवासी नवनिर्वाचित पार्षद उर्मिला थापा ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि लोगों ने रिस्पना और बिंदल नदी के किनारे अतिक्रमण किया है साथ ही नदी में बने चाल- खाल,पर भी अतिक्रमण कर दिया है जिससे आने वाले समय मे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन होंगी,, साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि लोगो ने  नदी के आस- पास से करीब हजारों की संख्या में हरे पेड़ों को काट दिया है जिससे आने वाले समय में स्थानीय लोगों के सामने एक बड़ा खतरा होगा और केदारनाथ जैसी स्थिति उत्पन्न होगी लिहाजा इन अतिक्रमण को हटाया जाए और बेतहाशा हो रहे पेड़ों के कटान पर रोक लगाई जाए।


Conclusion:आज मामले की सुनवाई करते  हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंग नाथन और न्यायाधीश नारयण सिंह धनिक की खंडपीठ मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, समेत मसूरी देहरादून विकाश प्राधिकरण डी एम देहरादून को जवाब पेश करने केआदेश दिए है।

बाईट- अभिजय नगी, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।


Last Updated : May 15, 2019, 12:55 PM IST
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