नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर देहरादून के वीकली संडे मार्केट (dehradun weekly sunday market) के अध्यक्ष के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई बुधवार 27 अप्रैल को नियत की है. आज सुनवाई के दौरान वीकली संडे मार्केट अध्यक्ष अभिषेक रुहेला की तरफ से कोर्ट के आदेश का अनुपालन किए जाने संबंधी शपथ-पत्र पेश किया है.
इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि अभी तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया है. साथ ही निगम द्वारा अभी तक वहां पर से कूड़ा तक नहीं उठाया गया. इसलिए इस जगह का निरीक्षण करने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त (court commissioner) किया जाये. ताकि पता चल सके की कोर्ट के आदेश का पालन हुआ है कि नहीं. जो शपथ-पत्र कोर्ट में पेश किया गया वह कोर्ट को गुमराह करने वाला है.
पूर्व में कोर्ट ने आईएसबीटी हरिद्वार बाईपास रोड के समीप जिस भूमि का सप्ताहिक बाजार लगाने हेतु चयन किया था, उसे तीन सप्ताह के भीतर साफ कर इन लोगों को साप्ताहिक बाजार लगाने हेतु उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे. इस मामले के अनुसार देहरादून की वीकली संडे मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरा लाल ने याचिका दायर कर कहा था कि वे देहरादून के परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती मार्केट के सामने 2004 से प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक बाजार लगाते आ रहे हैं, जिसमें करीब तीन सौ से अधिक लोग दुकान लगाते हैं और हर माह नगर निगम को तीन सौ रुपये प्रति दुकान के हिसाब से किराया भी देते आये हैं.
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वहीं, 2004 में जिला अधिकारी द्वारा ये जगह उनको संडे बाजार लगाने के लिए दी थी. परन्तु नगर निगम द्वारा प्रशासन से मिलकर जनहित याचिका में पारित आदेश का हवाला देते हुए उन्हें वहां से हटा दिया गया है, और कुछ लोगों को नगर निगम द्वारा अन्य जगह दुकान भी दे दी गई. याचिका में यह कहा गया था कि संडे को पूरा बाजार बन्द रहता है और ट्रैफिक भी कम रहता है. इसलिए वे संडे मार्केट को परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती बाजार के सामने साप्ताहिक बाजार लगाते आए हैं और खुद ही वहां पर साफ-सफाई भी करते आये हैं.
साथ ही इस सप्ताहिक बाजार के लगने से गरीब लोगों को सस्ते में सामान मिल जाता है और कई लोगों को रोजगार भी मिलता है. वे महीने में चार दिन दुकान लगाते हैं. समिति का यह भी कहना है कि उनके नाम से एक अन्य समिति वहां फर्जी तरीके से नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर चल रही है. जिसकी जांच कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये.