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कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़ा: नैनीताल HC से आरोपियों को नहीं मिली राहत, 24 मार्च को केस डायरी पेश करने के आदेश - कुंभ कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़ा

आज इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि आरोपियों द्वारा फर्जी टेस्टिंग की गई है और सरकार को 4 करोड़ रुपये का बिल भी दिया गया. इसका विरोध करते हुए अभियुक्तों के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा कोई फर्जी टेस्टिंग नहीं की गई वे तो एकमात्र सर्विस एजेंसी थे.

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कुंभ कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़ा
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Published : Mar 15, 2022, 3:32 PM IST

Updated : Mar 15, 2022, 3:37 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग में हुए फर्जीवाड़े के मामले में आरोपियों की तरफ से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने अभी भी फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर और आरोपी शरत पंत व मलिका पंत और नलवा लैब के आशीष वशिष्ठ को कोई राहत नहीं दी है. साथ ही इस मामले में न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सरकार को 24 मार्च तक केस डायरी पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई 24 मार्च को नियत की गई है.

आज इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि आरोपियों द्वारा फर्जी टेस्टिंग की गई है और सरकार को 4 करोड़ रुपये का बिल भी दिया गया. इसका विरोध करते हुए अभियुक्तों के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा कोई फर्जी टेस्टिंग नहीं की गई वे तो एकमात्र सर्विस एजेंसी थे. जो टेस्ट किए गए वे लाल चंदानी व नलवा लैब के द्वारा किए गए. नलवा लैब ने 104257 और लाल चंदानी लैब ने 13000 टेस्ट किए.

वहीं, सरकार जांच में एक भी टेस्ट फर्जी साबित नहीं कर पाई जबकि कोर्ट ने पूर्व में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. उसके बाद आईओ ने धारा 467 और बढ़ा दी. उनका इसंमे कोई रोल नहीं है. हाईकोर्ट में शरत पंत व मलिका पंत ने जमानत प्रार्थना-पत्र दायर कर कहा है कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर है. कुंभ मेले में परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था. ऐसे में इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टॉलों ने जो कुछ भी किया था, उसे उन्होंने अपनी मंजूरी दे दी. अगर, कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?

पढ़ें- टिकट बेचने के आरोपों से आहत हुए हरीश रावत, बोले- हे भगवान! कांग्रेस मुझे निष्कासित कर दे

मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. 2021 को एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की गयी थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबो द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है जबकि उनके द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैंपल नहीं दिया गया.

ऐसे में मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर और आरोपी शरत पंत व मलिका पंत ने कोर्ट में दायर जमानत प्रार्थना-पत्र देकर कहा था कि पूर्व में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाय. हालांकि, इस मामले की सुनवाई के बाद भी आज कोर्ट ने आरोपियों को कोई राहत नहीं दी है. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई 24 मार्च को नियत की गई है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग में हुए फर्जीवाड़े के मामले में आरोपियों की तरफ से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने अभी भी फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर और आरोपी शरत पंत व मलिका पंत और नलवा लैब के आशीष वशिष्ठ को कोई राहत नहीं दी है. साथ ही इस मामले में न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सरकार को 24 मार्च तक केस डायरी पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई 24 मार्च को नियत की गई है.

आज इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि आरोपियों द्वारा फर्जी टेस्टिंग की गई है और सरकार को 4 करोड़ रुपये का बिल भी दिया गया. इसका विरोध करते हुए अभियुक्तों के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा कोई फर्जी टेस्टिंग नहीं की गई वे तो एकमात्र सर्विस एजेंसी थे. जो टेस्ट किए गए वे लाल चंदानी व नलवा लैब के द्वारा किए गए. नलवा लैब ने 104257 और लाल चंदानी लैब ने 13000 टेस्ट किए.

वहीं, सरकार जांच में एक भी टेस्ट फर्जी साबित नहीं कर पाई जबकि कोर्ट ने पूर्व में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. उसके बाद आईओ ने धारा 467 और बढ़ा दी. उनका इसंमे कोई रोल नहीं है. हाईकोर्ट में शरत पंत व मलिका पंत ने जमानत प्रार्थना-पत्र दायर कर कहा है कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर है. कुंभ मेले में परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था. ऐसे में इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टॉलों ने जो कुछ भी किया था, उसे उन्होंने अपनी मंजूरी दे दी. अगर, कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?

पढ़ें- टिकट बेचने के आरोपों से आहत हुए हरीश रावत, बोले- हे भगवान! कांग्रेस मुझे निष्कासित कर दे

मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. 2021 को एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की गयी थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबो द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है जबकि उनके द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैंपल नहीं दिया गया.

ऐसे में मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर और आरोपी शरत पंत व मलिका पंत ने कोर्ट में दायर जमानत प्रार्थना-पत्र देकर कहा था कि पूर्व में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाय. हालांकि, इस मामले की सुनवाई के बाद भी आज कोर्ट ने आरोपियों को कोई राहत नहीं दी है. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई 24 मार्च को नियत की गई है.

Last Updated : Mar 15, 2022, 3:37 PM IST
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