नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संचायिका के लाखों रुपए में गड़बड़ी कर दुरुपयोग किए जाने और संचायिका का पैसा छात्रों को नहीं लौटाए जाने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद कोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में शिक्षा विभाग सहित अन्य सहयोगी संस्थाओं को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.
बता दें कि इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है. आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यामूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई. मामले के अनुसार आरटीआई क्लब देहरादून ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2016 तक स्कूली छात्र-छात्राओं से बचत के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कुछ धनराशि फीस के साथ संचायिका के रूप में जमा करायी जाती थी, जो स्कूल छोड़ने पर उन्हें वापस कर दी जाती थी.
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वहीं, राज्य सरकार ने साल 2016 में इसे बंद कर दिया लेकिन बहुत से स्कूलों ने संचायिका में जमा धनराशि छात्रों को वापस न लौटाकर इसका दुरुपयोग किया है. जनहित याचिका में कहा गया है कि संचायिका का पैसा छात्रों को वापस किया जाए और इसमें घोटाला करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए. अगर, स्कूल इस पैसे को वापस नहीं करते है तो इसका उपयोग स्कूल के सुविधाओं में किया जाय.