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नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी मामले पर सुनवाई, HC ने पूछे ये सवाल

नैनीताल के बीडी पांडे पुरुष अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं की कमी का मामला हाईकोर्ट पहुंचा हुआ है. मामले में हाईकोर्ट कई बार सुनवाई कर चुका है. इस बार भी कोर्ट में सुनवाई हुई और सरकार से कई सवाल पूछे. जिस पर अब सरकार को जवाब पेश करना है.

BD Pandey Male Hospital Nainital
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Aug 3, 2023, 4:51 PM IST

नैनीतालः बीडी पांडे पुरुष चिकित्सालय नैनीताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि अस्पताल की कितनी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है? अभी क्या स्थिति है? कोर्ट ने सीटी स्कैन की रिपोर्ट जो तीन दिन में आती थी, उसे कम से कम 24 घंटे के भीतर देने पर विचार करने को कहा है.

इसके अलावा कोर्ट ने पूछा है कि रैमजे अस्पताल नैनीताल (रामजे) की क्या स्थिति है? वहां पर कौन-कौन से मेडिकल सुविधाएं दी जा सकती है. इस पर विचार करने को कहा है. ताकि बीडी पांडे अस्पताल का भार कम किया जा सके. कोर्ट ने मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधा के लिए क्या फायदा उठाया जा सकता है, इस पर भी विचार करने को कहा है.
ये भी पढ़ेंः Health System पर HC की नाराजगी, कहा- हॉस्पिटल में पट्टी बंधवाने के दिए थे 700 रुपए, DG हेल्थ से मांगी रिपोर्ट

अब मामले की सुनवाई 9 अगस्त को होनी है. आज सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता वीके कोहली, विकास बहुगुणा और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज ने अस्पताल की औचक निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. रिपोर्ट में कहा गया कि अस्पताल में सीटी स्कैन की रिपोर्ट तीन दिन में आती है.

अस्पताल में खड़े होने की जगह तक नहीं है. जिस दिन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया, उस दिन अस्पताल के रजिस्टर में 700 मरीज दर्ज थे. अस्पताल परिसर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कोर्ट को सुझाव भी दिया कि अस्पताल का बोझ कम करने के लिए रैमजे अस्पताल में कई विभाग शिफ्ट किए जाएं और मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधा के लिए उपयोग किया जाए.
ये भी पढ़ेंः स्वास्थ्य सचिव HC में पेश, कोर्ट ने कहा 'नैनीताल के अस्पताल की तुलना दिल्ली से न करें', पूरा मामला जानिए

गौर हो कि अशोक शाह उर्फ गुरु जी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी रही है. नैनीताल का मुख्य अस्पताल होने के कारण अभी भी छोटी सी जांच के लिए मरीजों को सीधे हल्द्वानी रेफर कर दिया जाता है.

इस अस्पताल में जिले से इलाज कराने के लिए दूर दराज से मरीज आते हैं, लेकिन उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. गुरु जी ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ से प्रार्थना की है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. ताकि, दूर दराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके.
ये भी पढ़ेंः BD पांडे हॉस्पिटल नैनीताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल, HC ने सचिव स्वास्थ्य को किया तलब

नैनीतालः बीडी पांडे पुरुष चिकित्सालय नैनीताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि अस्पताल की कितनी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है? अभी क्या स्थिति है? कोर्ट ने सीटी स्कैन की रिपोर्ट जो तीन दिन में आती थी, उसे कम से कम 24 घंटे के भीतर देने पर विचार करने को कहा है.

इसके अलावा कोर्ट ने पूछा है कि रैमजे अस्पताल नैनीताल (रामजे) की क्या स्थिति है? वहां पर कौन-कौन से मेडिकल सुविधाएं दी जा सकती है. इस पर विचार करने को कहा है. ताकि बीडी पांडे अस्पताल का भार कम किया जा सके. कोर्ट ने मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधा के लिए क्या फायदा उठाया जा सकता है, इस पर भी विचार करने को कहा है.
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अब मामले की सुनवाई 9 अगस्त को होनी है. आज सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता वीके कोहली, विकास बहुगुणा और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज ने अस्पताल की औचक निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. रिपोर्ट में कहा गया कि अस्पताल में सीटी स्कैन की रिपोर्ट तीन दिन में आती है.

अस्पताल में खड़े होने की जगह तक नहीं है. जिस दिन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया, उस दिन अस्पताल के रजिस्टर में 700 मरीज दर्ज थे. अस्पताल परिसर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कोर्ट को सुझाव भी दिया कि अस्पताल का बोझ कम करने के लिए रैमजे अस्पताल में कई विभाग शिफ्ट किए जाएं और मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधा के लिए उपयोग किया जाए.
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गौर हो कि अशोक शाह उर्फ गुरु जी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी रही है. नैनीताल का मुख्य अस्पताल होने के कारण अभी भी छोटी सी जांच के लिए मरीजों को सीधे हल्द्वानी रेफर कर दिया जाता है.

इस अस्पताल में जिले से इलाज कराने के लिए दूर दराज से मरीज आते हैं, लेकिन उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. गुरु जी ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ से प्रार्थना की है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. ताकि, दूर दराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके.
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