नैनीतालः देहरादून जिले के कालसी ग्राम पंचायत में मेरा गांव मेरी सड़क योजना के तहत दो बार सड़क का पुनर्निर्माण किया गया, लेकिन सड़क की हालत नहीं सुधरी. आरोप है कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया. ऐसे में यह मामला हाईकोर्ट की टेबल में पहुंच गया. जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने जिलाधिकारी को पेश होने को कहा है.
दरअसल, देहरादून जिले के कालसी ग्राम सभा जिसौऊ घराना निवासी बलिन ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी ग्राम सभा में 'मेरा गांव मेरी सड़क योजना' के तहत सड़क का निर्माण किया गया. इसके बाद सड़क सुधारीकरण के लिए 2 बार यानी 2021-22 और 2022-23 में 10-10 लाख रुपए स्वीकृति किए गए, लेकिन सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है.
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याचिकाकर्ता बलिन का कहना था कि दो बार पुनर्निर्माण का काम होने के बावजूद भी सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं, जो दुर्घटना को दावत दे रहे हैं. याचिकाकर्ता का कहना है जिन लोगों को सड़क सुधारीकरण के पैसे स्वीकृत हुए थे, उन लोगों से पैसों की वसूली की जाए. उनके खिलाफ सरकारी धन का दुरुपयोग करने का मुकदमा दर्ज कराया जाए.
वहीं, याचिकाकर्ता का कहना था कि मामले में भ्रष्टाचार भी हुआ है. पूरे मामले में आज नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई हुई. मामले में खंडपीठ ने देहरादून जिलाधिकारी सोनिका सिंह को 19 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं. अब इस पूरे मामले की सुनवाई 19 दिसंबर को होगी.