ETV Bharat / state

दून घाटी में अवैध कंस्ट्रक्शन पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार को किया तलब, 4 हफ्ते में मांगा जवाब

Dehradun Illegal Construction देहरादून कभी अपनी हरियाली के जाना जाता था, लेकिन अब बीतते दिनों के साथ घाटी की खूबसूरती और हरियाली कंक्रीट के जंगलों में गुम होने लगी है. यहां अंधाधुंध और बेतरतीब तरीके से अवैध निर्माण किए जा रहे हैं. जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने दून वैली में बिना मास्टर प्लान और पर्यटन प्लान के अवैध निर्माण मामले पर राज्य सरकार से चार हफ्ते के भीतर टूरिज्म डेवलपमेंट प्लान तैयार करने को कहा है.

Illegal Construction in Dehradun
देहरादून शहर में कंक्रीट
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 6, 2023, 8:04 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 8:35 PM IST

नैनीतालः देहरादून में बिना मास्टर प्लान और पर्यटन प्लान के हो रहे अवैध निर्माण कार्यों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 4 हफ्ते के भीतर में टूरिज्म डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा बिना मास्टर प्लान और पर्यटन प्लान के कोई भी व्यावसायिक गतिविधियां न की जाएं.

नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछे ये सवालः नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछा है कि क्या राज्य सरकार ने कोई लैंड यूज के लिए मास्टर प्लान दिया या नहीं? अब मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी. आज सुनवाई के दौरान पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर दून वैली की दशा खराब करने के साथ सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है.
ये भी पढ़ेंः कभी दून की पहचान हुआ करती थी नहरें, अब आधुनिकीकरण और कंक्रीट के जंगलों में हुई गुम

दरअसल, दिल्ली निवासी आकाश वशिष्ठ ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार का साल 1989 का नोटिफिकेशन होने के बाद भी उत्तराखंड सरकार ने अब तक ना तो पर्यटन गतिविधियों के लिए कोई प्लान तैयार किया है, ना ही लैंड यूज के लिए मास्टर प्लान बनाया है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में भारी निर्माण कर आफत को दावत तो नहीं दे रहे हम! भूवैज्ञानिकों ने जताई चिंता

वहीं, जनहित याचिका में कहा गया है कि दून वैली कंक्रीट में तब्दील हो रही है. जिसका प्रभाव नदियों, जलस्रोतों और जंगलों पर प्रभाव पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में टूरिज्म डेवलपमेंट प्लान और मास्टर प्लान के तहत ही दून वैली में विकास कार्य किए जाने की प्रार्थना की है.
ये भी पढ़ेंः मसूरी की 'खूबसूरती' पर कंक्रीट का 'धब्बा', आखिर क्यों आंखें मूंदे बैठ हैं जिम्मेदार?

नैनीतालः देहरादून में बिना मास्टर प्लान और पर्यटन प्लान के हो रहे अवैध निर्माण कार्यों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 4 हफ्ते के भीतर में टूरिज्म डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा बिना मास्टर प्लान और पर्यटन प्लान के कोई भी व्यावसायिक गतिविधियां न की जाएं.

नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछे ये सवालः नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछा है कि क्या राज्य सरकार ने कोई लैंड यूज के लिए मास्टर प्लान दिया या नहीं? अब मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी. आज सुनवाई के दौरान पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर दून वैली की दशा खराब करने के साथ सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है.
ये भी पढ़ेंः कभी दून की पहचान हुआ करती थी नहरें, अब आधुनिकीकरण और कंक्रीट के जंगलों में हुई गुम

दरअसल, दिल्ली निवासी आकाश वशिष्ठ ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार का साल 1989 का नोटिफिकेशन होने के बाद भी उत्तराखंड सरकार ने अब तक ना तो पर्यटन गतिविधियों के लिए कोई प्लान तैयार किया है, ना ही लैंड यूज के लिए मास्टर प्लान बनाया है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में भारी निर्माण कर आफत को दावत तो नहीं दे रहे हम! भूवैज्ञानिकों ने जताई चिंता

वहीं, जनहित याचिका में कहा गया है कि दून वैली कंक्रीट में तब्दील हो रही है. जिसका प्रभाव नदियों, जलस्रोतों और जंगलों पर प्रभाव पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में टूरिज्म डेवलपमेंट प्लान और मास्टर प्लान के तहत ही दून वैली में विकास कार्य किए जाने की प्रार्थना की है.
ये भी पढ़ेंः मसूरी की 'खूबसूरती' पर कंक्रीट का 'धब्बा', आखिर क्यों आंखें मूंदे बैठ हैं जिम्मेदार?

Last Updated : Sep 6, 2023, 8:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.