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पहाड़ी इलाकों में डग्गामार वाहनों के मामले में सुनवाई, HC ने इन जिलों के DM और SSP से मांगा जवाब

Nainital High Court ने पहाड़ी इलाकों में वाहनों की डग्गमारी पर सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने कुमाऊं के चार जिलों के डीएम और एसएसपी से जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि वाहनों की छत पर कैरियर लगाया जाता है. जो मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ है. यह हादसे का भी कारण बनते हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 25, 2023, 10:43 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में चल रहे डग्गामार वाहनों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों एवं एसएसपी समेत अन्य को नोटिस जारी किया है. सभी डीएम और एसएसपी को चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल 2024 को होगी.

दरअसल, हल्द्वानी के बद्रीपुरा निवासी विजय सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में चलने वाले ज्यादातर टैक्सी वाहनों के ऊपर बिना परमिट के लगेज को लादने के लिए कैरियर लगा हुआ है. जो कंपनी की ओर से मानकों के अनुरूप नहीं है. उसके बाद भी वाहन स्वामी अपने वाहन के ऊपर लगेज कैरियर लगा रहे हैं, जो मोटर व्हीकल एक्ट के भी खिलाफ है.
ये भी पढ़ेंः पौड़ी बस हादसे से सबक! शादियों में जाने वाले वाहनों पर एप के जरिए रखी जाएगी नजर

इस बारे में साल 2002 में तत्कालीन परिवहन सचिव ने यूनियन के साथ बैठक कर कई दिशा निर्देश जारी किए थे. जिसमें परमिट की वैधता, ड्राइवर सीट के पास बेरियर, वाहन के छत पर गाड़ी की क्षमता के अनुसार कैरियर न लगाना, सह चालक को गाड़ी चलाने की अनुमति न देना, समय-समय पर वाहन की वैधता और लाइसेंस वैधता शामिल था.

उसके बाद भी पहाड़ में हादसों का मुख्य कारण वाहनों में क्षमता से ज्यादा सवारी, छत पर कैरियर लगाना, बिना परमिट वाहन चलाना, सहायक को गाड़ी देना है. जिसकी वजह से आए दिन पहाड़ों में हादसे हो रहे हैं. जिससे कई लोगों के परिवार उजड़ रहे हैं. लिहाजा, इस पर रोक लगाई जाए.

नैनीतालः उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में चल रहे डग्गामार वाहनों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों एवं एसएसपी समेत अन्य को नोटिस जारी किया है. सभी डीएम और एसएसपी को चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल 2024 को होगी.

दरअसल, हल्द्वानी के बद्रीपुरा निवासी विजय सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में चलने वाले ज्यादातर टैक्सी वाहनों के ऊपर बिना परमिट के लगेज को लादने के लिए कैरियर लगा हुआ है. जो कंपनी की ओर से मानकों के अनुरूप नहीं है. उसके बाद भी वाहन स्वामी अपने वाहन के ऊपर लगेज कैरियर लगा रहे हैं, जो मोटर व्हीकल एक्ट के भी खिलाफ है.
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इस बारे में साल 2002 में तत्कालीन परिवहन सचिव ने यूनियन के साथ बैठक कर कई दिशा निर्देश जारी किए थे. जिसमें परमिट की वैधता, ड्राइवर सीट के पास बेरियर, वाहन के छत पर गाड़ी की क्षमता के अनुसार कैरियर न लगाना, सह चालक को गाड़ी चलाने की अनुमति न देना, समय-समय पर वाहन की वैधता और लाइसेंस वैधता शामिल था.

उसके बाद भी पहाड़ में हादसों का मुख्य कारण वाहनों में क्षमता से ज्यादा सवारी, छत पर कैरियर लगाना, बिना परमिट वाहन चलाना, सहायक को गाड़ी देना है. जिसकी वजह से आए दिन पहाड़ों में हादसे हो रहे हैं. जिससे कई लोगों के परिवार उजड़ रहे हैं. लिहाजा, इस पर रोक लगाई जाए.

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