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राष्ट्रपति दौरे को लेकर तोड़ डाले थे कुष्ठ रोगियों के आवास, HC अब प्राथमिकता से करेगा सुनवाई - मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी

बीती 17 नवंबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हरिद्वार दौरे पर आए थे. उस दौरान गंगा माता कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को तोड़ दिया गया था, ताकि उन्हें राष्ट्रपति न देख सकें. जिसके बाद कुष्ठ रोगियों के आवास को उजाड़ने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा. मामले को अब कोर्ट प्राथमिकता के साथ सुनवाई करेगा.

nainital High court verdict
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Jan 11, 2023, 7:57 PM IST

नैनीतालः हरिद्वार में गंगा माता कुष्ठ आश्रम के कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को 17 नवंबर 2018 को राष्ट्रपति के दौरे से पहले तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज हुई सुनवाई के दौरान हरिद्वार डीएम ने कोर्ट को अवगत कराया कि इनके पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग से बजट जारी करने को कहा है. जल्द ही इनके लिए आवास बना दिए जाएंगे. आश्रम के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ में हुई. उनकी इस समस्या को कोर्ट प्राथमिकता से सुनवाई करेगी.

गौर हो कि हरिद्वार की एक्ट नाव वेलफेयर सोसायटी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि 17 नवम्बर 2018 को राष्ट्रपति के हरिद्वार आगमन पर गंगा माता कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को प्रशासन ने तोड़ दिया. ताकि राष्ट्रपति उनको न देख सकें. जबकि, इस आश्रम से लगे अन्य सात आश्रम हैं, जिन्हें तोड़ा नहीं गया. प्रशासन ने केवल गंगा माता कुष्ठ आश्रम को ही तोड़ा गया. उनके लिए ये पक्के आवास इंग्लैंड की एसएनजे ट्रस्ट की ओर से 20 लाख रुपए खर्च करके बनाए गए थे. इनके आवास तोड़े जाने के बाद ये कुष्ठ रोगी सर्दी, बरसात और गर्मी में सड़क के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं.

याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने अभी तक उनकी रहने की कोई व्यवस्था नहीं की है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुष्ठ रोगी समाज के निचले स्तर से ताल्लुख रखते हैं. जनहित याचिका में ये भी कहा गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन तक नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने दिशा निर्देशों में कहा था कि सरकार इनको मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं. वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते के बाद होगी.
ये भी पढ़ेंः वन पंचायत की भूमि पर बहुमंजिला इमारत के निर्माण पर रोक, HC ने सरकार से मांगा जवाब

नैनीतालः हरिद्वार में गंगा माता कुष्ठ आश्रम के कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को 17 नवंबर 2018 को राष्ट्रपति के दौरे से पहले तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज हुई सुनवाई के दौरान हरिद्वार डीएम ने कोर्ट को अवगत कराया कि इनके पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग से बजट जारी करने को कहा है. जल्द ही इनके लिए आवास बना दिए जाएंगे. आश्रम के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ में हुई. उनकी इस समस्या को कोर्ट प्राथमिकता से सुनवाई करेगी.

गौर हो कि हरिद्वार की एक्ट नाव वेलफेयर सोसायटी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि 17 नवम्बर 2018 को राष्ट्रपति के हरिद्वार आगमन पर गंगा माता कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को प्रशासन ने तोड़ दिया. ताकि राष्ट्रपति उनको न देख सकें. जबकि, इस आश्रम से लगे अन्य सात आश्रम हैं, जिन्हें तोड़ा नहीं गया. प्रशासन ने केवल गंगा माता कुष्ठ आश्रम को ही तोड़ा गया. उनके लिए ये पक्के आवास इंग्लैंड की एसएनजे ट्रस्ट की ओर से 20 लाख रुपए खर्च करके बनाए गए थे. इनके आवास तोड़े जाने के बाद ये कुष्ठ रोगी सर्दी, बरसात और गर्मी में सड़क के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं.

याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने अभी तक उनकी रहने की कोई व्यवस्था नहीं की है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुष्ठ रोगी समाज के निचले स्तर से ताल्लुख रखते हैं. जनहित याचिका में ये भी कहा गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन तक नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने दिशा निर्देशों में कहा था कि सरकार इनको मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं. वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते के बाद होगी.
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