नैनीतालः जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताएं एवं प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ दायर कुंवर जपिंद्र सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद सरकार, जिला पंचायत और गढ़वाल कमिश्नर से चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.
बता दें कि याचिकाकर्ता कुंवर जपिंद्र सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जिला पंचायत उत्तरकाशी में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितताएं व प्रशासनिक भ्रष्टाचार व्याप्त हैं. इसलिए जिला पंचायत उत्तरकाशी के समस्त वित्तीय अधिकार सीज किए जाएं. साथ ही पूरे मामले की एसआईटी या सीबीआई से जांच कराई जाए. इस संबंध में क्षेत्र वासियों की ओर से मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया गया. जिसमें कहा गया कि साल 2019 से आज तक जिला पंचायत उत्तरकाशी में जो भी निर्माण कार्य किए गए वे धरातल पर कहीं नहीं हैं.
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वहीं, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के फर्जी मस्टरोल भी भरे गए हैं. सफाई कर्मचारियों के फर्जी मस्टरोल बनाकर लाखों रुपए का भुगतान दर्शाया गया है. साल 2020 के माघ मेले के आय-व्यय के ब्यौरे में अनियमितता की गई है. वित्त अधिकारी के संज्ञान के बिना करोड़ों रुपए आहरण किए गए. ऐसे में इसकी जांच कराई जाए. वहीं, मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.