नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगर पालिका नैनीताल द्वारा नगर क्षेत्र के सभी पार्किंगों का ठेका बिना टेंडर निकाले पुराने ठेकेदारों को 20 प्रतिशत बढ़ाकर दिए जाने के मामले में सुनवाई की. सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने नगर पालिका द्वारा पुराने ठेकेदारों को दिए गए ठेके के आदेश पर रोक लगा दी है. जिसमें लेक ब्रिज, बारापत्थर, अंडा मार्केट व बीडी पांडे अस्पताल की पार्किंग शामिल है. कोर्ट ने नगर पालिका, ठेकेदार नरदेव, ठेकेदार सचिन कुमार और ठेकेदार उमेश मिश्रा से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.
मामले में हाईकोर्ट सख्त: हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यह आदेश डीएसए पार्किंग पर लागू नहीं हो सकता, क्योंकि उनको कमर्शियल कोर्ट ऑफ देहरादून से स्टे मिला हुआ है. जिसकी अपील हाईकोर्ट में अभी विचाराधीन है. पिछली तिथि को कोर्ट ने नगर पालिका से पूछा था कि कौन से नियमों के तहत ठेके को दोबारा से बिना टेंडर के निकाला गया. उन्हीं ठेकेदारों को 20 प्रतिशत बढ़ाकर दिया गया. किन आर्थिक विशेषज्ञों की सहमति से 20 प्रतिशत बढ़ाया गया? नियमावली पेश करें. जिसे आज भी नगर पालिका पेश नहीं कर पाई.
क्या है पूरा मामला: मामले के अनुसार अमरोहा यूपी निवासी अजय कुमार ने याचिका दायर कर कहा था कि नगरपालिका नैनीताल ने बिना टेंडर के चुंगी व पार्किंग का ठेका मनमाने तरीके से 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को दे दिया है, जो नियमों के विरुद्ध है. याचिका में कहा गया है कि इससे राजस्व का नुकसान सरकार को हुआ है, क्योंकि कई लोग 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाकर टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग करते हैं. जिसका सीधा फायदा सरकार को होता आया है. याचिका में कहा गया कि यह उन लोगों के अधिकारों का भी हनन है, जो इसमें प्रतिभाग करना चाहते हैं.
नगर पालिका बोर्ड ने 25 मार्च 2022 को बोर्ड बैठक में निर्णय लिया था कि 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को ही पार्किंग दी जाए. याचिका में 25 मार्च के आदेश पर रोक लगाने के साथ टेंडर प्रक्रिया करने की मांग की है. याचिका में यह भी मांग की है कि ठेका शीघ्र निरस्त किया जाए और 1 अप्रैल से एक लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से इनसे वसूला जाए. याचिका में नगर पालिका, बीडी पांडे अस्पताल पार्किंग के ठेकेदार नरदेव शर्मा, फ्लैट्स मैदान पार्किंग के संचालक सचिन कुमार, लेक ब्रिज चुंगी के ठेकेदार उमेश मिश्रा को पक्षकार बनाया है.